लखनऊ। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है। भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फँसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके। गौरतलब हो की हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी सूची दोबारा तैयार की जाए। लखनऊ हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की वर्तमान सूची गलत थी। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सरकार को सरकारी सूची में उम्मीदवारों के गुणांक, श्रेणी और उपश्रेणी सहित पूर्ण 27% और 21% ओबीसी-एससी आरक्षण दिखाना होगा। हाईकोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर पूरी सूची को संशोधित करने का आदेश दिया था। इसी के बाद 69000 शिक्षकों की भर्ती पर तलवार लटक गई है। वहीं लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंत्री संदीप सिंह के घर का घेराव किया और विरोध प्रदर्शन किया। सवाल ये भी हैं कि जो पुराने चयनित हैं और नौकरी कर रहे हैं उनका इस फैसले के बाद क्या होगा। नई सूची जारी होने के बाद ही फैसला लिया जाएगा कि किसे रखा जाना है और किसे नहीं।