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संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय में ज्‍योतिष व कर्मकांड में सर्टिफिकेट डिप्‍लोमा कोर्स शुरु करने के लिए राज्‍य सरकार ने मांगा प्रस्‍ताव  

वाराणसी। ज्योतिष व कर्मकांड की महत्ता प्राचीन काल से ही बनी हुई है। वर्तमान दौर में ज्योतिष के प्रति लोगों का रूझान और बढ़ा है। इसे देखते हुए अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) डा. सुधीर एम बोबड़े ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग से सेंटर आफ एक्सीलेंस के तहत प्रस्ताव मांगा है ताकि ज्योतिष व कर्मकांड में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा कोर्स भी शुरू हो सके। इसके अलावा ज्योतिष में कुछ उच्च स्तरीय शोध भी हो सके। शासन के निर्देश पर विश्वविद्यालय सेंटर आफ एक्सीलेंस के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारी में जुट गया है। दूसरी ओर कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय में ज्योतिष परामर्श केंद्र की स्थापना जल्द करने का निर्णय लिया है। इसकी रूपरेखा लगभग तैयार कर ली गई है। इसकी शुरूआत केंद्रीय कार्यालय के सामने नवीन कुलपति कार्यालय या पाणिनी भवन से करने की योजना है। केंद्र में कुंडली दिखाने के लिए 200 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति 200 रुपये शुल्क जमा कर तीन फलादेश की जानकारी हासिल कर सकता है। शुल्क की 50 फीसद राशि संबंधित ज्योतिष को बतौर मानदेन देने का प्रस्ताव है। जबकि 50 फीसद राशि में 25-25 फीसद शुल्क विभाग व विश्वविद्यालय कोष में जमा होंगे। वित्त समिति व कार्य परिषद की इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। केंद्र के लिए मिला 25 लाख रुपये परामर्श केंद्र की स्थापना के लिए स्टांप व न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने विधायक निधि में विश्वविद्यालय को 25 लाख रुपये भी दिया है।

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