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महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे सी.वी. रमण ने वाराणसी मंडल द्वारा प्रकाशित कोच अनुरक्षण सामग्री दिग्दर्शिका का विमोचन किया

वाराणसी। वाराणसी मंडल प्रशासन द्वारा  यात्रियों को पूर्ण रूप से सुरक्षित,संरक्षित एवं उच्चस्तरीय सुविधाओं के साथ आरामदायक सुविधाओं के साथ  देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुँचाने  का पूरा प्रयास किया जा रहा है।इसी क्रम में आज 26 अप्रैल,2023 को यांत्रिक विभाग,वाराणसी मंडल में तैयार की गई ” कोच अनुरक्षण सामग्री दिग्दर्शिका” हैण्ड बुक का विमोचन  महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे चन्द्र वीर रमण ने प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर कार्यालय,गोरखपुर के सभागार कक्ष  में “कोच अनुरक्षण सामग्री दिग्दर्शिका” हैण्ड बुक का कवर हटाकर कर किया । इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक ए के मिश्रा,वरिष्ठ उप महाप्रबंधक दिनेश सिंह,प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एम के अग्रवाल,वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(समाडि) सत्यप्रकाश श्रीवास्तव एवं यांत्रिक विभाग के वरिष्ठ पर्यवेक्षक उपस्थित थे । इस अवसर पर महाप्रबंधक ने कहा कि भारतीय रेल के यांत्रिक विभाग में डिब्बों के अनुरक्षण हेतु विभिन्न स्टाक एवं नान स्टाक सामग्री का प्रयोग किया जाता है । इनमे प्रयुक्त  सामाग्रियों का तकनीकी ज्ञान आर्टिजन स्टाफ को होना गुणवत्ता सुधार हेतु अति आवश्यक है। कलपुर्जो से सम्बंधित तकनीकी जानकारी एवं उपयोगिता की जानकारी प्राप्त करने हेतु स्टाफ एवं पर्यवेक्षकों के लिए हैण्ड बुक उपलब्ध नही थी परन्तु वाराणसी मंडल  द्वारा यांत्रिक कर्मचारियों को दक्ष बनाने के उद्देश्य से तैयार की गयी यह  (हैण्ड बुक) “कोच अनुरक्षण सामग्री दिग्दर्शिका” से कर्मचारियों को समुचित जानकारी मिलेगी जिससे कोचों का गुणवत्तापूर्ण अनुरक्षण में सहायता मिलेगी और संरक्षा के साथ-साथ यात्रियों की संतुष्टि में भी बढ़ोत्तरी होगी  । हैण्ड बुक की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एम के अग्रवाल ने कहा कि कैरेज एवं वैगन विभाग द्वारा वर्तमान में स्टॉक आइटम का प्रयोग अनुरक्षण हेतु किया जा रहा है। जिसमें एल. एच. बी के 213, आई.सी.एफ के 111, डेमू के 21, मैकेनाइज्ड लाण्ड्री के 11 एवं सामान्य के 48 आईटम सम्मिलित है। अनुरक्षण के दौरान उपरोक्त सभी आईटमों की तकनीकी जानकारी एवं  उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए कोच अनुरक्षण  से सम्बंधित सूचनाओं को इस पुस्तिका में समायोजित किया गया है जिसमें अनुरक्षण के दौरान कलपुर्जों का उचित प्रयोग किया जा सके।उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड, आर. डी. एस. ओ एवं कैमटेक ग्वालियर द्वारा जो भी दिशा निर्देश एवं मैन्युल बनाए गये हैं वह सर्वोपरि / सर्वमान्य रहेंगे । इस पुस्तिका का उद्देश्य किसी भी दिशा निर्देश को अवहेलना / अनदेखा करना नहीं है बल्कि इस परीक्षण विधि के साथ निर्धारित दिशा निर्देश को अपनाने में मदद मिलेगी।ज्ञातव्य हो की अत्याधुनिक LHB कोच, पुराने आईसीएफ (ICF) कोच समेत सभी प्रकार के सवारी डिब्बों के अनुरक्षण गुणवत्ता में सुधार  हेतु उनके अनुरक्षण में प्रयुक्त होने वाले कलपुर्जो की तकनीकी जानकारी एवं समय से परीक्षण एवं बदलाव तथा कलपुर्जो से संबंधीत तकनीकी जानकारी एवं उपयोगिता की जानकारी समेत कोचों के अनुरक्षण की कमी को दूर करने के लिए वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर / समाडि एस.पी. श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में  यांत्रिक समाडि विभाग द्वारा यांत्रिक कर्मचारियों को दक्ष बनाने के उद्देश्य से (हैण्ड बुक) “कोच अनुरक्षण सामग्री दिग्दर्शिका” तैयार की गयी है । इस (हैण्ड बुक) “कोच अनुरक्षण सामग्री दिग्दर्शिका” के प्रकाशन में सहायक यांत्रिक इंजीनियर समाडि / वाराणसी ओजस श्रीवास्तव, प्रवर लिपिक / यांत्रिक / समाडि मोनिका पाठक एवं सीनियर सेक्शन इंजीनियर/ समाडि / छपरा अरुण कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।मंडल रेल प्रबंधक रामाश्रय पाण्डेय ने इस हैण्ड बुक के प्रकाशन पर वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (कैरेज एण्ड वैगन ) एस पी श्रीवास्तव एवं उनकी टीम को उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना करते हुए बधाई दी है।

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