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सोनभद्र: दुद्धी विधानसभा उपचुनाव के लिए विजय सिंह गोंड पर सपा लगा सकती है दांव  

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश विधानसभा की अंतिम सीट दुद्धी वर्ष 2017 से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इसे सपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। इसके पीछे बड़ा कारण मजबूत आदिवासी नेता विजय सिंह गोंड का चेहरा है। विजय सिंह यहां से सात बार विधायक रहे हैं। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल में वह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2012 में ऐन वक्त पर सीट का आरक्षण बदलने पर विजय सिंह मैदान से बाहर हुए थे, तब उन्होंने निर्दल प्रत्याशी रुबी प्रसाद को समर्थन देकर विधानसभा पहुंचाया था। वर्ष 2017 में जब सीट फिर से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई तो विजय सिंह सपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में मोदी-योगी लहर के प्रचंड लहर के बावजूद विजय सिंह को महज 1050 वोटों के अंतर से शिकस्त खानी पड़ी थी। तब भाजपा ने यह सीट अपना दल-एस को सौंपी थी और अपना दल-एस के उम्मीदवार हरिराम चेरो विधायक बने थे। वर्ष 2022 में दुद्धी में पहली बार कमल खिलाते हुए रामदुलार गोंड ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। उन्होंने सपा प्रत्याशी विजय सिंह गोंड को कड़े मुकाबले में 7800 मतों से हराया था। अब रामदुलार गोंड के दुष्कर्म के मामले में 25 वर्ष की सजा मिलने और जेल जाने के बाद यह सीट 15 दिसंबर से रिक्त घोषित हुई है। इस पर उपचुनाव के आसार बने हुए हैं। दूसरे दलों से आगे पासा फेंकते हुए सपा ने यहां से विजय सिंह गोंड को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सोमवार को इसकी घोषणा होते ही सपा कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। दुद्धी विधानसभा सीट शुरू से ही आरक्षित रही है। वर्ष 1977 में जनता पार्टी के ईश्वर प्रसाद विधायक निर्वाचित हुए थे। कांग्रेस से पहली बार विजय सिंह गोंड 1980 में विधायक बने। 1985 में कांग्रेस, 1989 में निर्दल, 1991 और 1993 में जनता दल, 1996 और 2002 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विजय सिंह गोंड लगातार जीतते रहे। मुलायम सिंह यादव के सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए सीट आरक्षित होने पर विजय सिंह ने निर्दल उम्मीदवार रूबी प्रसाद को विधायक बनाया। वर्ष 2022 के चुनाव में दुद्धी से भाजपा प्रत्याशी रामदुलार गोंड चुनाव जीते थे। दुष्कर्म मामले में गत 15 दिसंबर को सोनभद्र की एमपी-एमएलए कोर्ट ने रामदुलार को 25 वर्ष की कैद व 10 लाख रुपये की सजा सुनाई है। इसके बाद से वह जेल में है। विधानसभा सचिवालय ने पिछले दिनों अधिसूचना जारी कर इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया था।

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