वाराणसी। डॉ संध्या यादव पूर्व सीनियर रेजिडेंट, बी एच यू एवं मुख्य चिकित्सक, जे पी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने बताया कि गर्मी के आते ही शहर के ज्यादातर हिस्सों में फसलों की कटाई का काम शुरू हो जाता है। इन दिनों कंबाइन से गेहूं की कटाई के बाद भूसा बनाने का काम जारी है। इस दौरान थ्रेशिंग की धूल लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। अस्थमा रोगियों की परेशानी एवं आंखों व एलर्जी के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। गेहूं के सीजन गर्मी में तेज हवा के साथ धूल-मिट्टी के उड़ने, कटनी, थ्रेसिंग के समय गेहूं के गर्दे के उड़ने से सांस रोगियों का बढ़ना आम बात है। खासकर अस्थमा के मरीजों को इस समय काफी दिक्कत होती है। गेहूं कटाई और थ्रेशिंग के समय सांस के रोगियों को नाक पर कपड़ा ढककर काम करना चाहिए। साथ ही रोड पर चलते समय भी धूल मिट्टी बचाव के लिए वैसे भी साफ कपड़े से नाक को ढके रखे। साफ-सफाई से रहने, ढके, स्वच्छ व ताजा खाना खाने, पानी को उबालकर पीने, बाजार के खाने से बचना चाहिए। शरीर में पानी की कमी ना होने दें। इस तरह के सीजन में उन लोगों को खास ध्यान रखना चाहिए, जिन्हें पहले ही श्वास रोग या एलर्जी की समस्या है। ऐसे लोगों को घर से बाहर निकलते हुए मुंह ढक कर रखना चाहिए।