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काशी के राम रमापति बैंक से मिलता है राम नाम का लोन, कर्ज लेने वाले व्‍यक्ति को मांस-मदिरा, प्‍याज, लहसून से रहना पड़ता है दूर  

वाराणसी। दुनिया भर में हजारों लोग प्रभु राम के सहारे जीवन की नैया पार लगाने में जुटे हुए हैं। गुरुवार सुबह इसका खुलासा राम जन्म के मौके पर वाराणसी के त्रिपुरा भैरवी स्थित राम रमापति बैंक में हुआ। एक तरफ प्रभु श्रीराम के बालरूप की झांकी सजाई गई तो दूसरी ओर अरबों की राम नाम की पूंजी की परिक्रमा शुरू हुई। रामजन्म की बधाई बजी और लोगों ने खजाने की परिक्रमा कर ग्रहों, कष्टों से छुटकारे के लिए प्रार्थना की। बाबा विश्वनाथ की नगरी में यह अनूठा बैंक है, जो पैसे से नहीं बल्कि राम नाम से चलता है। इस बैंक से कर्ज के रूप में पैसे नहीं, बल्कि राम नाम का लोन मिलता है। इस बैंक की कार्य प्रणाली और बैंकों की ही तरह है। अंतर है तो बस यह कि यहां पैसे की जगह जमा होता है राम का नाम। धर्म और अध्यात्म में आस्था रखने वाले इस बैंक के ग्राहक पुण्य कमाते हैं। इस अनोखे बैंक का नाम है राम रमापति बैंक। इसने इस रामनवमी को अपने 96 साल पूरे कर लिए। काशी विश्वनाथ गली के त्रिपुरा भैरवी स्थित राम रमापति बैंक का 96 वां वार्षिकोत्सव धूम-धाम से मनाया जा रहा है। राम रमापति नामक इस बैंक में प्रभु के नाम की गाढ़ी कमाई करीब 20 अरब पहुंच गई है।  बड़ी बात यह है कि सऊदी अरब और दुबई से भी लोगों ने इस बैंक में राम नाम जमा करने के लिए खाते खोले हैं। दशाश्वमेध से लगे त्रिपुरा भैरवी मोहल्ले में राम रमापति बैंक की ड्योढ़ी पर सुबह छह बजे से ही शहनाई की मंगल ध्वनि गूंजने लगी। सुबह सात बजे मंगला आरती के साथ ही रामनाम की जमा पूंजी भक्तों के दर्शन के लिए खोल दी गई। पोथियों में बांध कर सजाए गए और बैंक के विभिन्न कमरों में रैक में रखे गए करीब 20 अरब रामनाम की परिक्रमा शुरू हो गई। राम नाम और सवा करोड़ शिव नाम की अपूर्व झांकी का दर्शन कर लोग निहाल हो उठे। सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। रामनाम की परिक्रमा कर पुण्य बटोरने के लिए शहर के अलावा कई प्रदेशों के दर्शनार्थी भी पहुंचे। ऐसा मानना है कि राम रमापति बैंक से कर्ज लेकर पूरा भरने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। भक्त यहां से सवा लाख राम नाम का कर्ज राम नवमी के अवसर पर लेते हैं फिर अगले रामनवमी पर सवा लाख राम नाम लिख कर यहां जमा कर देते हैं। इसके  लिए राम बैंक का मोहर लगा कागज, लकड़ी की कलम और लाल स्याही बैंक की तरफ से मुफ्त में दिया जाता है।  इस बैंक में स्त्री हो या पुरुष, सभी लाभ उठाते हैं। इस बैंक में कोई भी आकर अपने दुख दूर करने के लिए ‘राम नाम’ का कर्ज ले सकता है। यहां खाता खुलवाना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए अचार विचार और इनके अपने नियम  है। जिसे पूरा करने का वचन देने वाले को ही यहां से राम नाम लिखने का कागज़ मिलता है और उसी पर इन्हें लिखना होता है।  यहां से कर्ज उन्हीं भक्तों को दिया जाता है जो बहुत दुखी, दीन, अभिमान रहित होकर श्री रामलला जी के शरण में आते हैं। राम रमापति बैंक से राम नाम का कर्ज़ लेने वालों के लिए कुछ नियम हैं, जिसमें शराब, मांस, मछली,प्याज, लहसुन इत्यादि चीजों को नहीं खाना है।

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