Breaking News

मऊ: सांप्रदायिक ध्रुवीकरण व सभी वर्ग में मजबूत पकड़ के चलते बसपा के अरशद जमाल को बड़ी जीत

श्रीराम जायसवाल

मऊ। उत्तर प्रदेश मऊ जनपद स्थित नगर पालिका परिषद मऊ जो मतदाता संख्या 295437 के लिहाज से प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पंचायत है। जहां बसपा प्रत्याशी अरशद जमाल सभी वर्गों में मजबूत पकड़ वर्ग विशेष के मत दो ध्रुवीकरण के चलते भारी मतों से चुनाव जीत चुके हैं। एक तरफ जहां बसपा प्रत्याशी अरशद जमाल को 79397 मत प्राप्त हुए। वहीं भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार को 42855 मत प्राप्त हो पाए। जबकि टिकट वितरण से पूर्व सपा की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी गणना के दौरान सपा प्रत्याशी आबिद अख्तर को महज 15134 मत ही प्राप्त हो सके। इस प्रकार बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी अरशद जमाल 36542 मत के भारी अंतर से चुनाव जीतकर मऊ जनपद की एकमात्र नगर पालिका परिषद सीट पर चेयरमैन बने। गौरतलब हो कि वर्तमान बसपा प्रत्याशी अरशद जमाल सपा के वरिष्ठ नेता व पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं। जो इसके पूर्व मऊ नगर पालिका परिषद दो बार चेयरमैन वह वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में घोसी लोकसभा से सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़ चुके हैं। लेकिन मऊ नगर पालिका परिषद चुनाव में टिकट वितरण के दौरान अचानक उनका टिकट काटकर नए प्रत्याशी आबिद अख्तर को दे दिया गया। लिहाजा अरशद जमाल सपा छोड़ बसपा से प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़े। जिन्हें मुस्लिमों की बड़ी तादाद के साथ ही सभी वर्गों उसे वोट मिला। बसपा से भाजपा में आए प्रत्याशी अजय कुमार को लेकर खुद नगर विकास मंत्री एके शर्मा एक सप्ताह तक किए प्रवास/प्रचार। अरसे बाद मऊ नगर पालिका परिषद की सीट सामान्य घोषित हुई थी। जिस पर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं द्वारा चुनावी तैयारी तेज कर दी गई थी। लेकिन वर्ष 2022 में भाजपा ज्वाइन किए बसपा के पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री अजय कुमार को ऐन मौके पर चेयरमैन पद प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। वर्ष 2022 में भाजपा ज्वाइन किए पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। वह किसी भी पार्टी के किसी भी बैठक व अभियान में कभी नजर नहीं आए। जिन्हें भाजपा द्वारा टिकट दे दिया गया। जिसके पीछे कार्यकर्ताओं व आम लोगों का कहना है कि सबकुछ नगर विकास मंत्री एके शर्मा की मजबूत पहल से संभव हुआ है। इस बात को अधिक बल इसलिए भी मिला कि जिस दिन भाजपा प्रत्याशी का नामांकन था उसी दिन से एके शर्मा मऊ जनपद मुख्यालय अपने गृह नगर पहुंच गए। वह लगातार पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के लिए सुबह से देर रात तक विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों में बैठकर विकास का खाका खींचते व बताते नजर आए। चुनाव का सारा दारोमदार एके शर्मा के कंधों पर ही नजर आया। भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी मंच से लोगों को विकास के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि मऊ नगर खुद नगर विकास मंत्री का गृहनगर है। ऐसे में यहां विकास के लिए धन की कमी नहीं होगी। लेकिन फिर भी भाजपा प्रत्याशी को काफी कम मत प्राप्त हुए। चुनाव से पूर्व मऊ नगर पालिका परिषद चेयरमैन पद के लिए समाजवादी पार्टी कि काफी मजबूत पकड़ रही। स्थिति यह रही की शहर में माना जाने लगा था कि जिसको समाजवादी पार्टी का टिकट मिलेगा वही प्रत्याशी चुनाव जीत जाएगा। क्योंकि लगभग 45% मुसलमान मतदाता व यादव मतदाताओं की संख्या थी। अरशद जमाल सपा के वरिष्ठ नेता माने जाते रहे जो वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। फिलहाल वह चेयरमैन पद की राजनीति करते हैं। इस बार उन्हें ही समाजवादी पार्टी का टिकट मिलना सुनिश्चित लेकिन ऐन मौके पर टिकट उन्हें ना देकर समाजवादी पार्टी के एक नए चेहरे आबिद अख्तर को टिकट दे दिया गया। समाजवादी पार्टी के स्थापना काल से पार्टी कार्यकर्ता रहे अरशद जमाल मौके पर बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता लेकर चेयरमैन पद पर चुनाव लडे। बसपा सुप्रीमो मायावती के दावे पर लगी बड़ी मुहर, मुसलमान व बसपा के कोर मतदाताओं ने मिलकर रचा इतिहास। गौरतलब हो कि 2022 विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा जगह-जगह चुनावी मंचों से यह कहा जाता रहा कि यदि भाजपा को रोकना है तो मुसलमानों को समाजवादी पार्टी की बजाय बहुजन समाज पार्टी की ओर रुख करना होगा। तभी भाजपा रुक पाएगी। ऐसे में अगर मऊ नगर पालिका परिषद चुनाव पर नजर डालें तो जिन जिन क्षेत्रों में मुसलमानों ने बसपा प्रत्याशी पर मोहर लगाई वहां दलित व मुसलमान मतदाताओं की बड़ी संख्या में मिलकर भाजपा के विजय रथ को न केवल रोका बल्कि उन्हें काफी पीछे भी छोड़ दिया। जिसकी बानगी मऊ नगर पालिका परिषद चेयरमैन चुनाव रहा है। ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव से ऐन पहले नगर पालिका परिषद चुनाव में इस प्रयोग ने मायावती के दावे पर मुहर लगा दी है।

Image 1 Image 2

Check Also

भारत सरकार ने रिसर्च के लिए 10 हजार करोड़ का रखा है प्रतिवर्ष लक्ष्य- डा. शशिभूषण पांडेय

लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में Dr. Shashi Bhushan Pandey, Scientist G Department of …