गाजीपुर। नगर के पोस्ताघाट मंदिर को लेकर विद्युत विभाग द्वारा अजीबो गरीब वाक्या सामने आया,, हुआ यूँ की कल विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा मंदिर का बिल बकाया होने का कारण बताते हुए मंदिर के बिजली को काट दिया गया,,नगर के हेमंत और पियूष द्वारा बताया गया की गाजीपुर शहर में शमशान घाट पर दाह संस्कार करके आने वाले समस्त व्यक्ति नगर के पोस्ताघाट पर ही स्नान करके अपने गंतव्य को जाते हैं लगभग रोजाना 5000 से 6000 लोग पूरे जनपद तथा गैर जनपदों के स्नान के लिए यहां आते हैं l कल शाम को बिजली विभाग द्वारा विद्युत की कटौती के बाद इस भयंकर बाढ़ की स्थिति में अंधकार में ही लोगों ने यहां स्नान किया ईश्वर का शुक्र है कि कोई हताहत नहीं हुआ अन्यथा इसकी जिम्मेदारी लेना महकमे को भारी पड़ जाता, आज सुबह मंदिर के पुजारी समेत कुछ लोगों ने SSO बिरजू को कॉल किया और विद्युत कंप्लेंट दर्ज करने को कहा तो SSO बिरजू द्वारा यह कहते हुए इनकार कर दिया गया की मंदिर के बिजली का बिल लाओ और बकाया राशि जमा कराओ तथा मंदिर के मालिक को लेकर आओ तदो उपरांत इस पर कंप्लेंट दर्ज किया जाएगा यह सुनते ही लोगों का गुस्सा सातवे आसमांन पर था उन्होंने इस घटना की सूचना स्थानीय JE लोटन इमली को दिया उसके बाद नगर SDO सुधीर कुमार से फोन पर हुई और पत्र लिखकर अधिशासी अभियंता को भी इस मामले से सूचित किया एसडीओ के संज्ञान लेने के बाद आनन- फानन में लोगों को शांत करने के लिए कनेक्शन पोल पर चढ़कर जोड़ दिया गया लेकिन सवाल यह उठता है कि नगर में कितने मंदिर मस्जिद चर्च और गुरुद्वारे का कनेक्शन शासन द्वारा किया गया और उनके बिल का भुगतान कौन करता है। क्या यह धार्मिक उँमाद फैलाना समझा जाए जबकि प्रदेश के मुखिया माननीय योगी आदित्यनाथ जी का शख्त निर्देश है कि किसी भी धार्मिक स्थान धार्मिक अनुष्ठान आयोजन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी और यह घोर लापरवाही के बाद भी SSO मुस्कुरा रहा है।