लखनऊ। तमाम किस्म के बयान और जुबानी तकरारों के बाद कांग्रेस और सपा के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में कांग्रेस 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राष्ट्रीय लोकदल को पहले ही सात सीटें दी जा चुकी हैं। इसी के साथ यह तय हो गया कि बसपा इस गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी। कांग्रेस ने पूरी कोशिश की थी कि बसपा भी इसमें शामिल हो जाए। सीटों के बंटवारे की सभी बैठकें दिल्ली में हुईं। सपा की तरफ से राम गोपाल यादव सभी बैठकों में मौजूद रहे। वहीं, कांग्रेस की ओर सलमान खुर्शीद पार्टी का चेहरा थे। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस 25 सीटों पर अड़ी थी। बाद में गांधी परिवार के दखल के बाद 11 सीटों के लिए सहमति बनी। इधर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि अभी तो सीट बंटवारे पर बातचीत ही चल रही है। वैसे भी सीट शेयरिंग की घोषणा कांग्रेस करेगी। उनके इस बयान से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी को समाजवादी पार्टी के मुखिया की ये घोषणा रास नहीं आ रही। यह सवाल भी उठता है कि क्या बिना कांग्रेस की सहमति के ही अखिलेश ने 11 सीट देने का ऐलान कर दिया है। सीटों को लेकर हुई इन बैठकों में कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा मौजूद रहीं। वहीं, सपा की ओर से रामगोपाल यादव, जावेद अली खान और उदयवीर सिंह उपस्थित रहे। जानकारी के अनुसार, यूपी की हर एक सीट को लेकर चर्चा हुई। जीत की हर संभावना को टटोला गया। कांग्रेस और सपा के बीच दिल्ली में तीन दौर की बैठकें हुई। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 25 सीटों की मांग कर रही थी। हालांकि 11 सीटों पर बात फाइनल हो गई है। वर्तमान में कांग्रेस के पास यूपी में रायबरेली की ही एकमात्र लोकसभा सीट है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस रायबरेली, अमेठी के अलावा प्रतापगढ़, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, इलाहाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद की सीटों पर लड़ सकती है। पूर्वी यूपी की ज्यादातर सीटें सपा के पास ही रहेंगी ऐसा अनुमान जताया जा रहा है।