वाराणसी। बीएचयू के शिक्षक अब दुनिया के टॉप 500 शैक्षिक संस्थानों में शिक्षण और शोध कार्य कर सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से ग्लोबल एक्सपीरियंस फैकल्टी प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। इससे जहां शिक्षकों को एक साल तक उत्कृष्ट संस्थानों में शिक्षण और शोध का अवसर मिलेगा वहीं वैश्विक संस्थाओं के साथ बीएचयू की साझेदारी को भी गति मिलेगी। खास बात यह है कि चयनित शिक्षकों को इसके लिए 3000 अमेरिकी डॉलर मासिक राशि और यात्रा व्यय की राशि भी दी जाएगी। नई शिक्षा नीति 2020 में भारतीय उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने पर जोर दिया गया है। इस दिशा में बीएचयू की ओर से पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षिक व शोध गतिविधि को लेकर समझौते किए गए हैं। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन का कहना है कि इस नई पहल के तहत टाइम्स हायर एजुकेशन अथवा क्यू-एस रैंकिंग के आधार पर शीर्ष 500 संस्थानों में शिक्षकों को एक वर्ष तक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। अपने शैक्षणिक करियर में सीमित अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाले युवा शिक्षक इस योजना का लाभ ले सकेंगे। यह योजना विश्वविद्यालय के सदस्यों के लिए उन्नति व उत्कृष्टता के नए अवसर दिलाएगी।आईओई- बीएचयू के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक पद्धतियों से रूबरू होने का अवसर प्रदान करने के साथ साथ शिक्षण व अनुसंधान के क्षेत्र में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की क्षमता में उन्नयन करेगी। हम शिक्षकों की उन्नति व विकास सुनिश्चित कर वैश्विक संस्थानों के साथ साझेदारी को आगे ले जाने और अपनी वैश्विक पंहुच व उपस्थिति बढ़ाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।