लखनऊ। सपा से नाराज चल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही विधान परिषद सदस्य के पद से भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे गए पत्र में कहा कि 13 फरवरी को भेजे गए पत्र पर वार्ता के लिए पहल न करने पर इस्तीफा दे रहा हूं। स्वामी प्रसाद ने विधान परिषद के सभापित को पत्र में लिखा कि मैं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उत्तर प्रदेश निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद उत्तर प्रदेश निर्वाचित हुआ हूं। चूंकि मैंने समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है इसलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद उत्तर प्रदेश की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहा हूं। इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत में स्वामी प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव रास्ते से भटक गए हैं। वो खुद को सेकुलर कहते हैं पर ऐसा लगता है कि वह मनुवादी व्यवस्था का समर्थन करते हैं। हमारा उनसे मतभेद है, मनभेद नहीं है। जब भी वह सही रास्ते पर आएंगे। मैं उनका स्वागत करूंगा। मैंने कभी भी विचारधारा से समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ऐसे सेकुलर हैं कि पार्टी कार्यालय में पूजा करवा रहे हैं। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कभी संविधान की भावना के विपरीत व्यवहार नहीं किया। सपा वाले पार्टी कार्यालय में पूजा कर रहे है। उन्होंने प्रोफेसर राम गोपाल यादव पर हमलावर होते हुए कहा कि सपा की खटिया खड़ी करने के लिए घर में ही लोग मौजूद हैं। दूसरों की क्या जरूरत है। उनकी भाषा देखिए क्या ये एक राजनीतिक व्यक्ति की भाषा है। उन्होंने कहा कि अब वह खुद की पार्टी का एलान करेंगे और समाज के दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों के लिए काम करेंगे। इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर कहा कि जैसे भी होगा गठबंधन को मजबूत बनाने पर काम करूंगा।