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चंदौली: पत्‍नी के मायके से न आने पर क्षुब्‍ध पति ने फांसी लगाकर दी जान

चंदौली। बलुआ थाना के खंडवारी गांव निवासी अरुण उर्फ बबलू जायसवाल ने मायके से पत्नी के न आने से क्षुब्ध होकर दो दिन पहले विषाक्त खाया था, लेकिन किसी तरह जान बच गई। रविवार की रात उसने घर में ही गमछे का फंदा बनाकर उस पर झूल कर आत्महत्या कर ली। सुबह मौत का पता चलने पर परिवार वालों ने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। खंडवारी गांव निवासी गौरीशंकर का पुत्र अरुण जायसवाल (38) घर के सामने ही अंडा-पान की दुकान चलाकर परिवार का जीविकोपार्जन करता था। एक माह पहले उसकी पत्नी अपने तीनो बच्चों के साथ मायके गई थी। इस बीच अरुण ने कई बार पत्नी को बुलावा भेजा, लेकिन पत्नी नहीं आई। इससे वह क्षुब्ध हो गया। दो दिन पहले उसने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। हालत खराब होने पर परिवार वालों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, यहां उसकी जान बची।इस बीच रविवार की रात वह खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चला गया। सोमवार की सुबह देर तक दरवाजा नहीं खुला तो परिवार वालों को चिंता हुई। अंदर झांक कर देखा तो अरुण पंखे में गमछे का फंदा बनाकर उस पर लटक रहा था। परिवार वालों की सूचना पाकर बलुआ थानाध्यक्ष विनोद मिश्र दल-बल के साथ पहुंच गए। शव को नीचे उतारा गया और लिखा-पढ़ी के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अरुण की मौत से परिवार वालों में कोहराम मच गया।
अरुण चार भाईयों में तीसरे नंबर पर था। उसकी मौत की खबर पाकर पत्नी बच्चों के साथ पहुंच गई। पिता गौरीशंकर जायसवाल, मां सत्यभामा देवी, पत्नी मंजु जायसवाल, दो पुत्री सिमरन (16), दीक्षा (13) और एक पुत्र प्रिंस जायसवाल (11) आदि का रो-रोकर हाल बेहाल हो गया। बलुआ थानाध्यक्ष विनोद मिश्र ने बताया कि पत्नी के मायके से न आने से क्षुब्ध होकर अरुण ने आत्महत्या की है।

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