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गाजीपुर: राष्ट्र चिन्तन न करने वाला व्यक्ति मृतक के समान है- भवानी नन्दनयति

गाजीपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रान्त के प्रचारक रमेश जी एवं सह प्रान्त प्रचारक मुनीश जी, मजदूर संघ के अनुपम जी का स्थानान्तरण की सूचना अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की विगत बैठक में की गयी। जिसकी सूचना होने पर प्राचीन हथियाराम मठ के महन्त श्री भवानीनन्दन यति जी ने अपने मठ के सभागार में परम्परागत शैली में शुक्रवार को इन पदाधिकारियो के विदाई के अवसर पर एक गोष्ठी आयोजित की गयी। जिसमें संघ के रचना में सैदपुर व गाजीपुर जनपद व गोरख प्रान्त से आये हुए दायित्वधारी स्वयंसेवको को अपने के बुढीया माता का प्रसाद व आर्शिवाद प्रदान किया। महन्त ने अपने आर्शिवचन में बताया कि प्रचारको की चर्चा होती रही है प्रचारको का स्थानान्तरण न तो कही स्वागत है और न ही विदाई है, ये तो चरै वेति चरेै वेति, हमे सतत चलना है, बहता पानी, रमता जोगी, चलना ही कर्म है जो नही चलता वह मृत के समान है, जो चलेगा वो कर्म अवश्य करेगा, जो नही चलता वो कर्महीन है, चलना ही एक प्रचारक की पवित्रता बनाये रखता है। कार्यक्रम मे आये विभाग संचालक सचिच्दानन्द, प्रान्त प्रचारक रमेश, सह प्रान्त प्रचारक मुनीश, अनुपम जी व भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील की चर्चा करते हुए कहा कि हिमालय से निकलने वाली सभी नदियां, सागर में मिलती है, गंगोत्री से उदगम होने वाली गंगा, गंगासागर में जाकर विलय हो जाता है। कोई नदी कही अन्यत्र नही जाती वो सागर तक जाना ही उसका लक्ष्य है। भारत के हिन्दू राष्ट्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति राष्ट्र की चिन्ता न करने वाला व्यक्ति भार के समान है। प्रचारको का जीवन काफी संघर्षपूर्ण होता है, प्रचारक के हृदय में भी ईश्वर का भाव होता है जो ये ईश्वरीय कार्य के लिए ही होता है। बिना ल्य प्राप्त किये यात्रा स्थगित नही होता है, यात्राएं दो प्रकार की होती हैै एक हमारे द्वारा प्रारम्भ की गयी यात्रा दूसरा परमात्मा के द्वारा नियत की गयी यात्रा, परमात्मा के द्वारा नियत की गयी यात्रा हमे मोक्ष देगा हमने जो यात्रा प्रारम्भ किया है उसका धर्म है राष्ट्र सेवा, राष्ट्र से बड़ी सेवा कोई नही होता, जब राष्ट्र नही है तो मठ मंदिर भी नही है मेरा कोई धर्म नही है, आज भी देश दुनिया मंे लोग आजादी से भगवान राम का चिन्तन नही कर सकते हम बहुत बड़े भाग्यशाली है हम उन शहीदो को भी श्रंद्धाजलि अर्पित करते है सबसे बड़ा धन्यवाद संघ के लोगो केा करते है अपने गुरू को धन्यवाद देते हुए बताया कि जिन गुरूजी ने हमे शाखा में भेजने की प्रेरणा दी, संघ से मिलाया हमे प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण दिया, किसी का सम्मान करना या न करना लेकिन संघ के लोगो का सम्मान अवश्य करना, क्योंकि जिस सनातन संस्कृति व धर्म के रक्षा का कार्य वो करता है उसका सम्मान करना, उसकी रक्षा करना और बन सके तो उसकी मदद जरूर करना, स्वयं सेवा में लीन रहना यही हमारे गुरू जी की आज्ञा रही है। प्रान्त प्रचारक रमेश जी ने हमारे स्वयंसेवक के भाव को उजागर करने का काम किया है और उसको प्रमाणित करने का कार्य सन संचालय मोहन भागवत जी ने किया है जिससे मठ मंदिरो का वैभव वापस दिलाने का काम किया है। संत अपने पद और कर्म से विचलित होने वाला व्यक्ति नही हूं। शिष्टता, सभ्यता और अनुशासन के पुजारी होते है प्रचारक, ये तो आदेश का क्रम है जो राष्ट्र सेवा करने के लिए सभी प्रचारक बने है। इसी क्रम में प्रान्त प्रचारक रमेश व सह प्रान्त प्रचारक मुनीश, व अनुपम जी को आर्शिवाद प्रदान किया। इस गोष्ठी में प्रान्त प्रचारक रमेश, सह प्रान्त प्रचारक मुनीश, मजदूर संध के अनुपम जी, विभाग प्रचारक अजीत ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर सह विभाग प्रचारक दीपक, विभाग प्रचार प्रमुख जितेन्द्र, जिलासंचालय जयप्रकाश, सैदपुर जिला प्रचारक गौरव, जिला कार्यवाह नागेन्द्र, सह जिला कार्यवााह विपिन, नगर प्रचारक नागेन्द्र, सोशल मीडिया प्रशिक्षण प्रमुख अंकित, ईश्वरानन्द, प्रचार प्रमुख चन्द्र कुमार, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रविकान्त पाण्डेय, अखिला भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री विपुल, अमित आदि लोग उपस्थित रहै।

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