गोरखपुर। भारतीय संविधान के शिल्पकार, भारत रत्न डॉ भीम राव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर द्वारा आर्यभट्ट सभागार में एक कार्यक्रम का उल्लासपूर्व आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो जे पी सैनी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि मा. कुलपति महोदय सहित अन्य अतिथियों ने बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर एवं पं मालवीय तथा वागदेवी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्र क्रिया कलाप परिषद के अध्यक्ष प्रो बी के पांडेय ने स्वागत वक्तव्य दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ आंबेडकर द्वारा दिनांक 17 दिसंबर 1946 को संविधान सभा में दिए गए वक्तव्य का प्रसारण किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो जे पी सैनी ने कहा कि डॉ आंबेडकर का व्यक्तित्व अथाह संघर्षों से निर्मित हुआ और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहा। छात्र छात्राओं को उनकी अध्ययनशीलता, अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण, शोषित, पीड़ित, और वंचित वर्गों के उत्थान के प्रति सदैव तत्पर रहने जैसे गुणों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान और उसके कई प्रावधान डॉ आंबेडकर की दूरदृष्टि का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माताओं में डॉ आंबेडकर का स्थान सदैव अमर रहेगा।अधिष्ठाता नियोजन इं. आर डी पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ आंबेडकर ने शिक्षित बनो संगठित बनो और संघर्ष करो का विचार दिया था। उन्होंने शिक्षा को उत्थान का सबसे ताकतवर माध्यम माना था। उन्होंने कहा कि डॉ आंबेडकर के बताए रास्ते पर चलकर भारत को एक शक्तिशाली और समृद्ध देश बनाया जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान शिक्षक डॉ प्रदत्त भारती ने भी विचार व्यक्त करते हुए डॉ आंबेडकर के जीवन और व्यक्तित्व से सीख लेने की सलाह दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ अभिजित मिश्र ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजन मिश्र ने किया।