लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय के मध्य गोड़धोइया नाला परियोजना के निर्माण के संबंध में आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो जे पी सैनी, अधिष्ठाता नियोजन राम दुलार, सह अधिष्ठाता सिविल कार्य डॉ मदन चंद मौर्य, सह अधिष्ठाता विद्युत कार्य डॉ शेखर यादव, एवं जल निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर श्री सुदेश कुमार मौजूद रहे। समझौते पर विश्वविद्यालय की तरफ से कार्यवाहक कुलसचिव डॉ अभिजित मिश्र ने जबकि जल निगम की तरफ से पंकज सिंह, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों के बीच यह समझौता परियोजना के पूर्ण होने तक प्रभावी रहेगा। समझौते के अंतर्गत एम एम एम यू टी के विशेषज्ञ परियोजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण की गुणवत्ता, सुरक्षा, और प्रगति सुनिश्चित करने के संबंध में जल निगम को परामर्श देंगे। समझौते के अंतर्गत एम एम एम यू टी के विशेषज्ञ निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता परख कर बताएंगे कि सामग्री मानक के अनुरूप है कि नहीं। साथ ही एम एम एम यू टी के विशेषज्ञों द्वारा समय समय पर निर्माण स्थल का भ्रमण कर निर्माण संबंधी तकनीकी पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा और इस संबंध में परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उनके द्वारा निर्माण की डिजाइन और सुरक्षा संबंधी पहलुओं की भी जांच कर सुनिश्चित किया जाएगा कि वे मानकों एवं आवश्यकता के अनुरूप हों। इसके अलावा, विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ समय समय पर वास्तविक निर्माण की जांच कर यह बताएंगे कि निर्माण निर्धारित डिजाइन एवम ड्राइंग के अनुरूप हो रहा है अथवा नहीं। उक्त कार्य हेतु विश्वविद्यालय द्वारा एक टीम का गठन किया जाएगा जिसमें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, सॉयल मैकेनिक्स, फाउंडेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे। उक्त टीम का नेतृत्व विश्वविद्यालय द्वारा नामित कम से कम सह आचार्य स्तर के स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा। जल निगम द्वारा विश्वविद्यालय को परामर्श सेवाओं हेतु कुल परियोजना लागत की .25 प्रतिशत के बराबर राशि का भुगतान भी किया जाएगा।