लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से हटाने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बसपा संगठन में क्या कुछ चल रहा है, इस पर घोर दलित विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिंता नहीं करे तो बेहतर होगा। इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है, इसकी केवल चिंता करें क्योंकि उन सबका हाल बेहाल है। बसपा सुप्रीमो ने बुधवार को एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा की तरह आज भी जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है। प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस संबंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं, जिसे माफ करना मुश्किल है। साथ ही, बसपा सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गये जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं, जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज है। इसके पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस चुनाव में बसपा के हाथ से बाजी निकल चुकी है। मायावती का बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि बसपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस विफलता के कारण ही संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। उनका इशारा आकाश आनंद को मायावती के उत्तराधिकारी के साथ-साथ बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाने की ओर था।