लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के सहयोग से दिनांक 17 एवं 18 मई 2024 को आयोजित किए जा रहे ‘ वी एल एस आई, माइक्रोवेव, एंड वायरलेस टेक्नोलॉजीज़ ‘ विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आज विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में उद्घाटन हुआ। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज के पूर्व निदेशक प्रो राजीव त्रिपाठी मौजूद रहे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की रक्षा इलेक्ट्रानिक्स अनुप्रयोग प्रयोगशाला, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक इं. गोपाल पटेल मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो वी के गिरी ने की जबकि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो जे पी सैनी ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो राजीव त्रिपाठी ने कहा कि वी एल एस आई, वायरलेस, और माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी की, विशेषकर वायरलेस प्रौद्योगिकी की वजह से पिछले तीन चार दशकों में आम आदमी के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव हुए हैं और इन क्रांतिकारी बदलावों की कल्पना करना भी कुछ दशकों पहले संभव नहीं था। आज चिकित्सा विज्ञान, रक्षा प्रौद्योगिकी, दूरसंचार आदि क्षेत्र में जो महत्वपूर्ण प्रगति हुई है वो इन तकनीकों की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि शोधकर्ता इन विभिन्न तकनीकों के संश्लेषण पर शोध कर समस्याओं के समाधान सुझाएं। उन्होंने कहा कि आज कल नई पीढ़ी के शोधकर्ताओं में एक चिंताजनक प्रवृत्ति लक्षित की जा रही है कि वे शोध के लिए उपलब्ध उपकरणों के आधार पर शोध समस्या का चुनाव का आर रहे हैं और शोध को शोध पत्र प्रकाशन तक सीमित रख रहे हैं। उन्होंने नए शोधकर्ताओं से अपील की कि वे शोध को प्रकाशन तक सीमित न रखें, बल्कि उसको प्रौद्योगिकी में रूपांतरित करें जिससे आम जन जीवन में बदलाव हो सके। विशिष्ट अतिथि इं गोपाल पटेल, वैज्ञानिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अपने संबोधन में वी एल एस आई, वायरलेस, और माइक्रोवेव तकनीकों के रक्षा एवं रणनीतिक शोध में हो रहे नवीनतम परिवर्तनों से प्रतिभागियों को अवगत कराया | कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित माननीय कुलपति प्रो जे पी सैनी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इस शैक्षणिक सत्र में यह चौथा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जोकि प्रसन्नता का विषय है। साथ ही इस सम्मेलन में केवल चुनिंदा शोध पत्रों को ही शामिल किया गया है जोकि सम्मेलन की उच्च गुणवत्ता को लक्षित करता है। साथ ही इस सम्मेलन में प्रस्तुत शोधपत्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शोध पत्रिका में प्रकाशित कराया जाएगा। इससे न केवल संबंधित शोधकर्ताओं बल्कि विश्वविद्यालय की भी साख बढ़ेगी। अध्यक्षता कर रहे मदन मोहन मालविय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो0 जे0 पी0 सैनी ने इस आयोजन की सराहना की तथा आयोजन समिति को बधाई दी | पूर्व, अतिथियों ने दीप प्रज्वलन तथा वाग्देवी एवम पंडित मालवीय के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। स्वागत वक्तव्य विभागाध्यक्ष प्रो एस के सोनी ने दिया जबकि आयोजन सचिव डॉ राजन मिश्र ने सम्मेलन के विषय में विस्तार से बताया। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ शगुन पाल ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ धर्मेंद्र कुमार ने किया। उद्घाटन सत्र में अतिथियों ने सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन भी किया। सम्मेलन के प्रथम दिन प्रथम सत्र में आई0 आई0 टी0 भुवनेश्वर के प्रो0 राजन झा ने फ़ोटोनिक्स सिस्टम में हो रहे विभिन्न शोध कार्यो से अवगत कराया | द्वितीय सत्र में के0 एल0 विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश के प्रो0 संतोष कुमार ने बायोसेन्सर के स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रयोग पर प्रकाश डाला | तृतीय सत्र में वुहान तकनीकी विश्वविद्यालय, चीन के डॉ0 रुई मीन ने आनलाइन माध्यम से स्मार्टफोन में ऑप्टिकल फाइबर सेन्सर का स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपयोग पर प्रकाश डाला |सम्मेलन के प्रथम दिवस में कुल छः सत्रों में 40 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये | इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश विदेश से कुल 237 शोध पत्र प्राप्त हुए थे | जिसमें से रिव्यू प्रोसेस के उपरान्त कुल 66 शोध पत्रों को प्रस्तुतीकरण हेतु चयनित किया गया है | सम्मेलन में प्रस्तुत किये गये शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्प्रिंगर पब्लिकेशन द्वारा छापा जायेगा |