गाजीपुर। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। शेरपुर कला गाव के दुर्गेश राय पुत्र शिक्षक स्वo शैलेन्द्र राय ने इन पंक्तियों को नीट में चरितार्थ कर दिखाया है। उनका यह दूसरा प्रयास था। पहला प्रयास में परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। पर असफलताएं उन्हें डिगा नहीं सकीं, इस बार वह परीक्षा में 720 अंक में 687 अंक प्राप्त कर नीट की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 5609 व कैटेगरी रैंक 2723 हासिल कर मान बढ़ाया है। दुर्गेश राय के पिता शैलेन्द्र राय शिक्षक के पद पर कार्यरत रहते उनका निधन कुछ वर्ष पूर्व हो गया। माता मिथलेश राय गृहणी है। दुर्गेश की प्रारंभिक शिक्षा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट चंदनी पब्लिक स्कूल सुरतापुर में 85 प्रतिशत व 90 प्रतिशत के साथ उतीर्ण हुआ।बड़े भाई शिक्षक जितेश राय विक्की ने बताया कि वह घर पर रहकर ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम से पढ़ाई कर सफलता प्राप्त किया। और वे प्रारंभ से ही प्रतिभावान रहा है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता गुरुजनों व भाई को दिया।वही चंदनी पब्लिक स्कूल के निदेशक नवीन कुमार राय ने छात्र दुर्गेश राय की सफलता पर उन्हें बधाई के साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। नीट यूजी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले दुर्गेश राय का कहना है कि उसे विश्वास था कि मेडिकल के लिए नीट की परीक्षा में वह सफल होगा। व बेहतर डॉक्टर बनकर समाज में असहाय व गरीबों की सेवा करना उनकी प्राथमिकता है। दुर्गेश राय ने अपनी सफलता के पीछे क्रमबद्ध तरीके से संबंधित विषयों का अध्ययन व विशेषज्ञ शिक्षकों के मार्गदर्शन व बड़े भाई के सुझाव व उम्मीदों को सफलता में मुख्य भूमिका बताया। वहीं, अपने बेटा के दूसरे प्रयास में सफलता के कारण मां मिथलेश राय अपनी खुशी को रोक नहीं सकी।उनका कहना है कि बेटा के बेहतर प्राप्तांक ने हमारी और उसके पिता के उम्मीदों को पूरा किया है। दुर्गेश ने कहा कि सफलता का कोई शॉट-कट नही है। कड़ी मेहनत और प्रयासों से हीं इसे पाया जा सकता है।नीट एग्जाम में उसे यह सफलता कड़ी मेहनत के दम पर दूसरे प्रयास में मिली है।