लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय गोरखपुर में आयोजित दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस के अंतिम दिन की सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने दिया। बताते चलें की एमएमयूटी एवं केआईपीएम कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान ने ये दी दिवसीय कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया है। कार्यकर्म को संबोधित करते हुए कुलपति जेपी सैनी ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में भारत समेत कई विकाशील देश इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं ,घरेलू उपकरण और कार आदि में प्रयुक्त होने वाले इंटीग्रेटेड सर्किट (चिप) की सप्लाई के लिए चीन पर निर्भर रहते हैं। आने वाले समय में भारत चिप निर्माण में चीन को पछाड़ कर अग्रणी निर्माता बनेगा जिससे इकेक्ट्रिनिक इंजीनियर्स की डिमांड बढ़ेगी साथ ही भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्रथपित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा की आज से पच्चीस वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री ने हरियाणा को खेल के क्षेत्र में विकसित करने के विजन देखा था । इस लिए हरियाणा जैसे छोटे राज्य में 675 स्टेडियम बनाए गए और परिण्मतः हरियाणा अकेला ऐसा राज्य बना जो कुश्ती जैसे खेलों में अग्रणी है। उसी प्रकार भारत की स्वतंत्रता की सौवीं वर्षगांठ पर 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा करने हेतु लगनशीलता के साथ लक्ष्य पर काम करना होगा। हरियाणा के उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी डॉ.राजेंद्रकुमार अनायथ द्वारा भी छात्रों को संबोधित किया गया। इसके उपरांत इंडस्ट्रीज, वाणिज्य, स्वास्थ्य ,महिला एवं मीडिया के विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चा हुई। विशेष अतिथि के रूप में बोलते हुए हिंदुस्तान अखबार के जनरल मैनेजर हरि ओम पांडे ने विकसित भारत के लक्ष्य प्राप्ति में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। पूर्वांचल न्यूज से शिवकुमार ने विकसित भारत के रोडमैप में गांधीदर्शन की भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यकर्म के समन्वयक डॉ एस एन सिंह ने बताया की कॉन्फ्रेंस में इंडियन नॉलेज सिस्टम, यूनाइटेड नेशन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल, लुक ईस्ट पॉलिसी, ह्यूमन रिजर्व डेवलपमेंट, जेंडर इक्विलिटी आदि विषयों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम के अयोजन सचिव डॉ जावेद आलम ने बताया की देश भर से आए 150 से अधिक अब्स्ट्रैक्ट एवं शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया। इस दौरान डॉ रवि गुप्ता, डॉ प्रियंका राय, डॉ अंजली सिंह, डॉ नीलिमा दुबे, डॉ अनुकृति यादव, डॉ जयबीर सिंह, डॉ डीबी सिंह आदि उपस्थित रहे।