वाराणसी। चर्चित यूट्यूबर ब्रज भूषण दूबे अब नहीं पहनेंगे जूता और चप्पल। गंगा दशहरा पर उन्होंने लिया जन साँसद की शपथ। काशी के गंगा और वरुणा स्थित संगम पर अनोखी शपथ दिलवाया नाथ पीठ के अनुयाई लौजारी बाबा ने। जन साँसद के रूप में सोशल मीडिया से लगभग 40 लाख लोगों ने ब्रजभूषण दूबे का समर्थन किया।श्री दुबे ने जीवन का शेष समय गंगोत्री से लेकर उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड एवं पश्चिम बंगाल तक गिरते हुए नालों को बंद कराने, गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए झोंक देने का संकल्प लिया। 16 जून दिन रविवार को गंगा अवतरण दिवस पर सुबह 7:00 ब्रजभूषण दूबे ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ गंगा वरुणा संगम के बजबजाते और दुर्गंध युक्त पानी में प्रवेश कर शंखनाद किया तत्पश्चात जो शपथ लिया वह इस प्रकार है! मैं ब्रज भूषण मार्कंडेय माँ गंगा की शपथ लेता हूँ कि गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक राष्ट्रीय नदी जाह्नवी में गिरते हुए नाले सीवेज मिल फैक्ट्रीयों के रसायन गिराए जाने से रोकने के लिए सतत जन जागरूकता संघर्ष एवं कानूनी लड़ाई लडूंगा।जन साँसद के रूप में ब्रज भूषण दूबे ने यह भी शपथ लिया कि माँ गंगा, सहायक नदियों एवं भारत की समस्त प्राण दायिनी नदियों के तटीय विकास, सतह की सफाई, जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता के लिए संविधान वर्णित मौलिक कर्तव्य 51 (क) के आलोक में जंगल, झील, नदी, वन्य जीव, प्राकृतिक पर्यावरण एवं प्राणि मात्र के रक्षार्थ जन जागरूकता, निर्णायक भौतिक तथा विधिक संघर्ष करने की प्रतिबद्धता दोहराई।उन्होंने कहा कि गंगा सहित प्राकृतिक पर्यावरण को बचाना हमारे मौलिक कर्तव्यों में है तथा संविधान में वर्णित नीति निर्देशक तत्वों में भी। उन्होंने बताया की शुद्ध वातावरण में रहना हमारा मौलिक अधिकार भी है।उन्होंने गीता के दसवें अध्याय के 31वें श्लोक को भी पढ़ा जिसमें योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि समस्त सृष्टि को पवित्र करने वाली मैं वायु हूँ। शस्त्रधारियों में श्री राम एवं मछलियों में मगर तथा नदियों में गंगा हूँ।जन साँसद के रूप में शपथ लेते हुए ब्रजभूषण दूबे ने कहा कि जब तक मां गंगा यमुना व अन्य पवित्र नदियों की सेहत में परिवर्तन नहीं आ जाता तब तक मैं जूता चप्पल धारण नहीं करूंगा नंगे पांव रहूंगा अथवा खड़ाऊं पहनूंगा।उन्होंने आम जनता से यह भी कहा कि केवल सरकारों के भरोसे हम माँ जटाशंकरी सहित अन्य पवित्र नदियों की सेहत में सुधार की आशा नहीं कर सकते इसके लिए सभी को आगे आना होगा। टोका-टाकी प्रभावी हस्तक्षेप करना ही होगा।उन्होंने पॉलिथीन का प्रयोग न करने के लिए जागरूकता तथा गंगा सहित अन्य नदियों के आसपास पौधारोपण व उनकी सुरक्षा का निर्णायक अभियान चलाने की संकल्प बद्धता को दोहराया। बताते हैं कि ब्रजभूषण दूबे एवं उनके सहयोगी लगभग 30 वर्षों से गंगा एवं अन्य पौराणिक नदियों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बताते चलें की ब्रजभूषण दूबे के परिवार में सभी सदस्यों के देहदान का संकल्प पत्र न केवल भरा गया है बल्कि मरणोपरांत उनकी मां लीलावती देवी को 2020 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में पूरा शरीर दान कर दिया गया तथा 2022 में उनके पिता सेवानिवृत्त अध्यापक मार्कंडेय दुबे का देहदान मरणोपरांत महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज गाजीपुर में किया गया जिससे मेडिकल के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।श्री दुबे गाजीपुर से जिला पंचायत के सदस्य एवं मनिहारी विकासखंड से ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं।ब्रज भूषण दूबे शीघ्र ही गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक पदयात्रा सहित अन्य जन जागरूकता के कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे।जन साँसद के बारे में उन्होंने बताया कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र से वे लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करना चाहते थे किंतु भारी भ्रष्टाचार और अधिकारियों की गंदी प्रवृत्ति के चलते वे नामांकन करने में असफल रहे फिर उन्होंने जन साँसद के रूप में लोगों से समर्थन मांगा लगभग 40 लाख लोगों ने अब तक उनको जन साँसद के रूप में समर्थन दिया। यूट्यूब चैनल Brajbhushan markandey पर ब्रजभूषण दूबे के 19 लाख से अधिक सब्सक्राइबर तथा 53 करोड़ से अधिक व्यूवर्स की संख्या है। श्री दूबे अब गंगा के अलावा देश की तमाम नदियों और पर्यावरण के लिए अपने जीवन को समर्पित करने की प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर लौंजारी बाबा, संतोष, सत्यानंद स्वामी राजन ओझा, वंशराज यादव, दाऊद इब्राहिम, गुल्लू सिंह यादव, अभिषेक तिवारी, सुनील यादव, राकेश कुशवाहा आदि लोगों उपस्थित थे।