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गाजीपुर में उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा 3 की उपधारा (1) के अतंगर्त उपनियम 1 से 5 तक तत्काल लागू- डीएम

गाजीपुर। आर्यका अखौरी जिला मजिस्ट्रेट गाजीपुर ने बताया कि  उ०प्र० मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा 3 की उपधारा (1) के अन्तर्गत शासनादेश दिनांक 30.05.1963 द्वारा निर्गत नियम के उपनियम 1 से 5 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश देती हूँ, यह आदेश सभी जलाशयों, नदियों की समस्त जल धाराओं पर प्रभावी होगें जो जनपद की सीमा में हैं, और जिला मजिस्ट्रेट गाजीपुर यथाविधि व्यक्तिगत अथवा धार्मिक नहीं घोषित किये गये हो, कोई भी व्यक्ति विष्फोट पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा, और न ही मारने का प्रयास करेगा, कोई भी व्यक्ति दिनांक 15.07.2024 से 30.09.2024 तक मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा, और न ही बेचेगा, तथा दिनांक 15.07.2024 से दिनांक 30.07.2024 तक प्रजननशील मछलियों को न तो पकडेगा, न ही मारेगा, जब तक कि उसके पास मत्स्य विभाग गाजीपुर उ०प्र० द्वारा निर्गत वैध लाईसेन्स न हो, शासनादेश दिनांक 27.08.2018 एवं दिनांक 08.03.2000 ने निहित प्राविधानानुसार 1 जुलाई से 31 अगस्त तक विभिन्न श्रेणी के जलाशयों में मत्स्य आखेट प्रतिबन्धित रहेगा। कोई भी व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने हेतु कोई अवरोध नहीं लगायेंगा और न ही ऐसा करके मत्स्य जीरा, अंगुलिका और मछली पकड़ेगा, अथवा नष्ट करेंगा और ना ही पकड़ने अथवा नष्ट करने का प्रयास करेगा। इस आदेशों के उल्लघंन में लगाये गये अवरोधक सामाग्रियों, पकड़े गये मत्स्य जीरा एवं मछली सहित जब्त कर ली जायेगी। उपरोक्त आदेशों का उल्लघंन उ०प्र० मत्स्य अधिनियम 1948 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।

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