गाजीपुर l साहित्य उन्नयन संघ द्वारा जन कथाकार मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में साहित्यिक चर्चा एवं काव्य – गोष्ठी का आयोजन आमघाट, गांधी पार्क स्थित माई छोटा स्कूल में किया गया जिसमें वक्ताओं एवं कवियों ने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुवात कुश तिवारी द्वारा मां सरस्वती की वंदना से की गई। डॉ.माया नायर ने अपनी देशभक्ति गीत से राष्ट्रीय प्रेम की अनुभूति जागृत कराई, साहित्य उन्नयन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि दिलीप कुमार चौहान बागी ने बेटियों की दुर्दशा पर जन मानस का ध्यान खींचते हुए बेटों के लोभियों से कोई तो पूछे कोंख में ही क्यों मारी जाती है बेटी, कवि चेतन ग्रामीण ने मजदूरों की व्यथा को बताते हुए पढ़ा कि जितना श्रम करता मजदूर दाम नही मिलता भरपूर, युवा कवि चिदाकश मुखर ने कृष्ण के हवाले से पढ़ा कि चक्र मिला मुझे तो बसुरिया मुझसे छूट गई, सलमान सईद ने पढ़ा कि मकान बनाने के होड़ में लोग घर तोड़े जा रहे हैं, कन्हैया गुप्ता ने कहा कि बच्चे टेक्स्ट बुक नहीं फेस बुक पढ़ते हैं।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. समरेंद्र मिश्रा प्रोफ़ेसर पी. जी. कॉलेज गाजीपुर ने अपने संबोधन में मुंशी प्रेमचंद को जमीनी लेखक बताया।वक्ताओं में समकालीन सोच पत्रिका के संपादक श्री राम नगीना कुशवाहा ने कहा कि प्रेमचंद आज भी प्रासंगिक हैं और कल भी रहेंगे, डॉ. बालेश्वर विक्रम ने कहा कि मुंशी प्रेमचन्द इसलिए जन कथाकार हैं कि इन्होंने प्रगतिशील लेखन को मनोवैज्ञानिक स्तर पर धार दी। डॉ. देवप्रकाश राय ने मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित लोक कथाओं की महत्ता को समझाया, डॉ. नरनारायन राय ने मुंशी प्रेमचंद को दुर्लभ व्यक्तित्व का धनी बताया lकार्यक्रम की अध्यक्षता रिटायर्ड प्रोफ़ेसर डॉ. गुप्तेश्वर नाथ तिवारी एवं संचालन दिलीप कुमार चौहान बागी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन माई छोटा स्कूल, आमघाट के संचालक वेद प्रकाश राय एवं साहित्य उन्नयन संघ के मुख्य संरक्षक डॉ. अजय सिंह द्वारा आभार ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर सीताराम भारद्वाज प्रधानाध्याप ग्लोरियस स्कूल, सीताराम राय, दीपक श्रीवास्तव, पारस नाथ यादव, अशोक सिंह, सुजीत श्रीवास्तव, प्रियंका यादव सहित दर्जनों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।