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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय और दीन दयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के बीच अकादमिक सहयोग के लिए हुआ समझौता

लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के मध्य पारस्परिक अकादमिक सहयोग हेतु आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। एमएमएमयूटी की तरफ से अधिष्ठाता, विस्तार गतिविधियां एवं पुरातन छात्र संबंध प्रो पी के सिंह ने समझौते पर हस्ताक्षर किये जबकि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की तरफ से कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने समझौते पर हस्ताक्षर किये| कार्यक्रम के दौरान एमएमएमयूटी की तरफ से मा. कुलपति प्रो जे पी सैनी, अधिष्ठतागण प्रो संजय मिश्र, प्रो वी के मिश्र, प्रो वी के गिरी, श्री राम दुलार, प्रो राकेश कुमार, प्रो यू सी जायसवाल, कुलसचिव डॉ जय प्रकाश, निदेशक आई क्यू ए सी प्रो विट्ठल गोले, वि वि संपर्क अधिकारी डॉ अभिजित मिश्र आदि मौजूद रहे| जबकि गोरखपुर विश्वविद्यालय की तरफ से मा. कुलपति प्रो पूनम टंडन, निदेशक प्रौद्योगिकी संस्थान प्रो उमेश यादव, प्रो. रवि शंकर सिंह, प्रो कीर्ति पांडेय, प्रो श्रीवर्धन पाठक, प्रो अहमद नसीम, प्रो राजेश कुमार सिंह आदि मौजूद रहे| ये समझौता हस्ताक्षर की तारीख से पांच वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा और दोनों पक्षों की सहमति से इसे आगे बढ़ाया जा सकेगा। समझौते के अंतर्गत दोनों पक्ष संयुक्त रूप से निम्न गतिविधियों का संचालन कर सकेंगे!  राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अंतर्गत बहुविषयक/ अंतरानुशासनिक विषयों के अध्ययन अध्यापन हेतु विशेषज्ञों और शिक्षकों का आदान प्रदान। इससे दोनों विश्वविद्यालयों को ऐसे विषयों के शिक्षक ढूंढने में परेशानी नहीं होगी जो आमतौर पर उस विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ाए जाते हैं। दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राएं एक दूसरे की प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय सहित अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। दोनों विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एक दूसरे के संस्थानों में प्रयोगात्मक कार्य भी कर सकेंगे। संयुक्त रूप से शोध एवं प्रकाशन की दिशा में कार्य; एवं संयुक्त रूप से कार्यशाला, सम्मेलन, संगोष्ठी आदि अन्य अकादमिक कार्यक्रमों का आयोजन समझौते के बाद दोनों पक्ष अकादमिक सहयोग हेतु अन्य गतिविधियों को चिन्हित कर उस दिशा में भी कार्य कर सकेंगे| समझौते के अंतर्गत, दोनों पक्षों के शिक्षक और छात्र एक दूसरे के अकादमिक ढांचे का इस्तेमाल कर सकेंगे। दोनों पक्ष संयुक्त रूप से प्रोजेक्ट पर कार्य कर सकेंगे।  संयुक्त रूप से कार्यशाला, सम्मेलन, संगोष्ठी आदि का आयोजन। इस सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों का वित्तीय भार दोनों पक्ष पारस्परिक सहमति के आधार पर करेंगे। इस मौके पर बोलते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय की मा. कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा कि तकनीकी शिक्षा में एमएमएमयूटी के लंबे अनुभव का लाभ विश्वविद्यालय को मिलेगा। साथ ही मूलभूत विज्ञान तथा अन्य विषयों में गोरखपुर विश्वविद्यालय के अनुभव से एमएमएमयूटी के छात्रों को लाभ होगा। एमएमएमयूटी के मा. कुलपति प्रो जे पी सैनी ने कहा कि दोनों संस्थानों के मिलकर काम करने से विद्यार्थियों, शिक्षकों के साथ साथ समाज और आमजन को भी लाभ हो यह प्रयास रहेगा। यह समझौता बहु प्रतीक्षित था। इस अवसर पर गाजीपुर प्रेस क्लब के महासचिव कृपा कृष्ण “केके”, सचिव विनीत दुबे, प्रबंध समिति के सदस्य अनिल कश्यप समेत बड़ी संख्या में क्लब के सदस्य उपस्थित रहे।

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