गाजीपुर। ओलंपिक में पूर्वांचल के दो युवाओं ने झंडा बुलंद किया है। वाराणसी के ललित उपाध्याय और गाजीपुर के राजकुमार के परिवार के लोगों ने बेटों को विदेश में खेलते देख जश्न मनाने लगे। सेमीफाइनल में पहुंचते ही परिवार की आंखें खुशी से नम हो गईं। पिता सतीश उपाध्याय ने कहा कि बेटे को देश के लिए खेलता देखकर मन खुश हो गया। ललित और राजकुमार के गोल से देश सेमीफाइनल में चला गया है। इसको लेकर पूरे गांव के लोग जश्न मना रहे हैं। इससे पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश का नाम रौशन हो रहा है। हमारे पीएम मोदी और सीएम योगी ने खेल और खिलाड़ियों को जिस तरह आगे बढ़ा रहे हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है। वहीं मां रीता उपाध्याय ने कहा कि मैच जब ड्रॉ हुआ तो मन में भय बन गया था लेकिन भगवान शिव से हम लोग मना रहे थे कि हम जीत जाए। मैं काशी विश्वनाथ से मना रही थी। मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई थी। मैं कामना करूंगी की पूरी टीम सेमीफाइनल से फाइनल में पहुंचे और भारत देश का नाम रौशन करे। गाजीपुर के करमपुर गांव के निवासी राजकुमार पाल के परिजनों ने भी जश्न का माहौल है। राजकुमार जब 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता कल्पनाथ पाल की मृत्यु हो गई थी। मां मनराजी देवी ने कहा कि बेटे को बचपन से ही हॉकी खेलने का शौक था। वह मेघबरन स्टेडियम में प्रतिदिन सुबह और शाम को प्रैक्टिस करने जाता था।