वाराणसी। चातुर्मास के चार पवित्र महीने में भादो दूसरा है। इस महीने 27 व्रत व त्योहार पड़ेंगे। मंगलवार को इसकी शुरुआत हो गई। इस महीने कान्हा के जन्मोत्सव की धूम रहेगी तो हरितालिका तीज, कजरी, ललही छठ जैसे व्रत व त्योहार भी पड़ेंगे। काशी में लोलार्क षष्ठी पर स्नान के लिए देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। हालांकि इस मास में मांगलिक कार्य नहीं होंगे। भाद्रपद में तमाम व्रत व त्योहार हैं, जो सनातनियों के सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री व अमित मिश्र ने बताया कि भाद्रपद संस्कृत के भद्र शब्द से बना है, जिसका अर्थ है सभ्य। यानी व्यक्तित्व को निखारने का महीना। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। विश्वकर्मा पूजा और पितृपक्ष की शुरुआत भी इसी महीने में होगी। इस बार आंशिक चंद्रग्रहण भी लगेगा। दो दर्जन से अधिक व्रत व त्योहार पड़ेंगे। इस महीने श्रद्धाभाव से पूजन-अर्चन व जरूरतमंदों को दान पुण्य करने का विशेष महत्व है।
ये है व्रत व त्योहार
22 अगस्त: कजरी, बहुला गणेश चतुर्थी व्रत
26 अगस्त: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
27 अगस्त: दही हांडी नंदोत्सव
31 अगस्त: प्रदोष व्रत
2 सितंबर: सोमवती अमावस्या या कुशोत्पाटनी आमावस्या
6 सितंबर: हरितालिका तीज, वराह जयंती
7 सितंबर: गणेश चतुर्थी
9 सितंबर: लोलार्क षष्ठी व्रत व स्नान
11 सितंबर: राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत
15 सितंबर: प्रदोष व्रत, वामन जयंती
16 सितंबर: विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
17 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध, गणेश विसर्जन व अनंत चतुर्दशी
18 सितंबर: पितृपक्ष की शुरुआत, आंशिक चंद्र ग्रहण
कच्ची चीजों के खाने से करें परहेज
भादो मास में कच्ची चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। दही का बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस मास में रक्तचाप बढ़ने की संभावना होती है। शीतल जल से स्नान करें तो आलस्य दूर होगा। भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और तुलसी दल चाय या दूध में उबालकर पीना अच्छा होगा।