लखनऊ। आखिरकार ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी ने अपनी शरण में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को बुला ही लिया। बिना तय कार्यक्रम के रविवार देरशाम प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए मंदिर के आसपास सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल होने मथुरा जनपद के दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार देरशाम अचानक श्रीबांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। हालांकि शासन द्वारा जारी आधिकारिक कार्यक्रम में उनका वृंदावन आगमन शामिल नहीं था, लेकिन शाम को मथुरा पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री का इशारा होते ही आनन-फानन मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा मंदिर के साथ आसपास की गलियों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। शयन आरती से ठीक पहले मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री ठाकुरजी की अद्भुत छवि को अपलक निहारते नजर आए। उनके साथ कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, प्रभारी मंत्री संदीप सिंह, विधायक श्रीकांत शर्मा समेत पुलिस प्रशासन के अफसर मौजूद रहे। उधर, श्रीहरिदास बिहारी फाउंडेशन भारत ट्रस्ट के संस्थापक एवं बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत इतिहासकार आचार्य प्रहलादबल्लभ गोस्वामी द्वारा अमर शहीद रूपानंद जन्मोत्सव में आमंत्रित किए जाने पर पूर्व घोषित कार्यक्रम न होते हुए भी बांकेबिहारीजी पहुंचे। उन्हें पूज्य गोस्वामी रूपानंदजी महाराज का चित्रपट एवं अपने द्वारा रचित मंदिर के ऐतिहासिक ग्रंथ भेंट किए।