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काशी राजपरिवार की संपत्ति का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, विवादित संपत्ति की खरीद-परोख्त पर लगी रोक

वाराणसी: काशी राजपरिवार की संपत्ति को लेकर काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह की तीन बेटियों और बेटे के बीच मचा घमासान इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा गया है। बड़ी बेटी विष्णुप्रिया की अपील पर कोर्ट ने विवादित संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाते हुए विपक्षी अनंत नारायण सिंह व अन्य बेटियों को 10 दिन में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की अदालत ने राजकुमारी विष्णुप्रिया की अपील पर दिया है। वाराणसी के सिविल जज की अदालत में विष्णुप्रिया ने भाई अनंत पर खानदानी संपत्ति बेचे जाने से रोकने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी, जो खारिज हो गई थी।  इसके खिलाफ विष्णुप्रिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राजपरिवार की संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर लंबित सिविल वाद में अंतरिम राहत की मांग को लेकर विष्णुप्रिया ने हाईकोर्ट ने दाखिल की गई अपील में सिविल जज के आदेश को रद्द करने की मांग की है। याची के वकील रित्विक उपाध्याय की दलील है कि राजपरिवार की संपत्ति में काशी नरेश की संपत्ति में चारों संतानों का बराबर हिस्सा है। जबकि, बेटे अनंत नारायण सिंह संपत्ति को अकेले बेचने की कोशिश में जुटे हैं। बंटवारे को लेकर लंबित वाद के निस्तारण तक संपत्ति बेचे जाने पर रोक लगाया जाना जरूरी है। कोर्ट में पेश हुए अनंत नारायण सिंह के वकील ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने की मोहलत मांगी। इस पर अदालत ने उन्हें दस दिन की मोहलत दी है। जबकि, याची विष्णुप्रिया उसका जबाव तीन दिन में दाखिल कर सकेंगी। अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी। महाराजा विभूति नारायण सिंह के निधन के पांच साल बाद से ही उनके बेटे अनंत नारायण सिंह, बेटी विष्णुप्रिया, कृष्णप्रिया और हरिप्रिया के बीच राजपरिवार की संपत्ति को रार मची है। 2005 से शुरू हुए संपत्ति विवाद से भाई-बहनों के बीच दूरियां इस कदर बढ़ीं कि एक-दूसरे पर चोरी से लेकर जमीन बेचने और राजशाही चिह्न का गलत प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा भी दर्ज करा चुके हैं।

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