वाराणसी। श्री आनंदम धाम पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए वर्तमान शिक्षा पद्धति अभिशाप है। हमें सनातनी शिक्षा को दोबारा लाने की जरूरत है। इसे देखते हुए सनातन विश्वविद्यालय की परिकल्पना की गई है। काशी में एक हजार एकड़ में ये विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इस विश्वविद्यालय में आधुनिकता से हटकर वैदिक सनातनी, गुरुकुल और 16 संस्कारों की शिक्षा दी जाएगी। यहां प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर की शिक्षा की व्यवस्था रहेगी। अकथा चौराहा स्थित एक गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय में अक्षर ज्ञान के अलावा मेडिकल, आर्ट्स, कॉमर्स, आधुनिक विज्ञान की भी पढ़ाई होगी। ताकि, इस दिव्य शिक्षा पद्धति से राष्ट्र को बचाया जा सके। रितेश्वर महाराज ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 16 संस्कारों की शिक्षा दी जाएगी। इस विश्वविद्यालय को खोलने के लिए बनारस शहर से 40 से 50 किमी की परिधि में एक एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले के शिक्षा पद्धति ने हमारे भारतीय व सनातनी शिक्षा पद्धति को खत्म कर अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति लागू की गई। इससे भारतीय मानसिकता पूरी तरह से अंग्रेजी हो गई। स्कूलों में बच्चे शिक्षित तो हो रहे हैं, लेकिन वह सिर्फ अर्थ संचय तक ही सीमित हैं। सनातन संस्कृति को बचाने के लिए आमजन को भी इस मुहिम से जुड़ना होगा। रितेश्वर महाराज ने कहा कि देश में बदलाव की जरूरत है। सरकार इसके लिए आगे आए।