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समस्याएं सुलझी, अब शुरु होगा राजकीय इंटर कालेजों में सहायक अध्यापक और प्रवक्ता की भर्ती

प्रयागराज। राजकीय इंटर कालेजों में सहायक अध्यापक और प्रवक्ता भर्ती के लिए समकक्ष अर्हता का विवाद सुलझ गया है। अब अर्हता से समकक्षता हटा दी गई है। शिक्षा निदेशालय ने अर्हता विवाद को सुलझाते हुए उसे स्वीकृति के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को भेज दिया है। स्वीकृति होने के बाद शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक और प्रवक्ता के करीब सात हजार पद रिक्त हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए शिक्षा निदेशालय से यूपीपीएससी को अधियाचन भेजा गया था। यूपीपीएससी ने शिक्षा निदेशालय को शिक्षक की समकक्ष अर्हता स्पष्ट करने को कहा था। समकक्ष अर्हता को लेकर कई बार विवाद हो चुका था। ऐसे मामले हाईकोर्ट तक पहुंच चुके थे। पदों के सापेक्ष अर्हता का निर्धारण विभाग करता है। भर्ती के बाद अर्हता का विवाद कोर्ट गया तो आयोग को जवाब देना मुश्किल हो जाता था। इसलिए आयोग ने 2021 में हुई भर्ती के बाद से आए अधियाचन को लौटा दिया। उसके बाद से यह मामला शासन और शिक्षा निदेशालय के बीच लंबित था। इस मामले को लेकर कई दौर की बैठक हुई। उसके बाद शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्धारित अर्हता से समकक्ष शब्द ही हटा दिया गया है। अपर निदेशक राजकीय अजय द्विवेदी ने बताया कि विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालयों की डिग्री शिक्षक भर्ती के लिए मान्य होगी। इसके अलावा विषय वार पद के लिए अर्हता स्पष्ट रहेगी। उन्होंने बताया कि अब पद के सापेक्ष अर्हता स्पष्ट कर दी गई है। इसलिए विवाद नहीं होगा। अर्हता से समकक्षता हटा दिया गया है और यूपीपीएससी से उसकी स्वीकृति का इंतजार है। स्वीकृति मिलने के बाद अधियाचन भेज दिया जाएगा।

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