गाजीपुर। विहंगम योग के तपस्वी संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज जी का सुबह आगमन सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज गाजीपुर के प्रांगण में आज हुआ।। आज के सत्संग कार्यक्रम में सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस गाजीपुर के प्रबंध निदेशक प्रोफेसर सानंद सिंह उनकी पूज्य माता मैनेजिंग ट्रस्टी सावित्री सिंह ने पूज्य संत प्रवर का पांव धोकर तिलक चंदन लगाकर वैदिक रीति रिवाज से माल्यार्पण अंग वस्त्र और फलदान देकर सम्मानित किया। स्मृति स्वरूप उन्हें स्वर्वेद मंदिर का एक चित्र भी भेंट किया गया। पूज्य स्वामी जी ने अपने शिष्य समुदाय को अपनी ज्ञान से संबोधित किया। जीवात्मा और परमात्मा के प्रत्येक संबंधों पर विहंगम योग के साथ, भगवान श्री कृष्ण के संदेशों को जोड़ा और कहा कि मनुष्य को अपने कर्म से योग और प्राणायाम के माध्यम से ईश्वर की सत्ता के करीब होना चाहिए। ईश्वर सदैव सेवा भाव से मनुष्य की रक्षा के लिए लगा हुआ है। उसे परम शक्ति और दिव्य शक्ति से महसूस किया जा सकता है। विश्व का एक बड़ा केंद्र उमरहा में स्वर्वेद मंदिर बनाकर के सभी को अनु पुराणित कर रहा है। वहीं पर उसे मंदिर के जो सात तल का मंदिर है ,इस ऊंचाई की परम शक्ति के प्रतिक परम पूज्य गुरुदेव विहंगम योग के संस्थापक ऋषि प्रवर पूज्य गुरुदेव सदाफल देव जी महाराज की मूर्ति भी बनेगी जिसको शिष्य समुदाय अपने श्रमदान अपने सहयोग अपने संकल्प से पूरा करेगा। महाराज जी लगभग 22000 किलोमीटर की यात्रा करके आज गाजीपुर पहुंचे। इसके पहले कन्याकुमारी सुदूर दक्षिणी प्रांत में दिनांक 7 जुलाई को इन्होंने अपनी भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत की थी। लगातार पूरे देश में घूम-घूम कर अखंड भारत की परिकल्पना और मानवता की सेवा के लिए संत प्रवर निरंतर प्रयत्न कर रहे है। सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेज गाज़ीपुर के सभी पारिवारिक सदस्य डॉक्टर सानंद सिंह उनकी पूज्य माता सावित्री सिंह, पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह, महान कवि यशवंत सिंह यश, दिग्विजय उपाध्याय, अमित रघुवंशी, प्रमोद सिंह,दिनेश सिंह, अजीत यादव, चंद्रसेन तिवारी, डॉक्टर तेज प्रताप सिंह, डॉक्टर राजकुमार त्यागी ,प्रोफेसर रामचंद्र दुबे, प्रबंधक अखिलेश राय, विवेक सौरभ ,शैलेंद्र सिंह, आदि अनेक सहयोगी गण और परम शिष्य गण पूज्य महाराज जी का सम्मान किये।