गाजीपुर। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से लीला के दसवे दिन 7 अक्टूबर सोमवार को शाम 7:00 बजे अर्बन बैंक स्थित राजा शंभू नाथ के बाग श्री राम सिंहासन पर बंदे बाणी विनायकौ आदर्श श्री रामलीला मंडल के कलाकारों द्वारा लीला में शरभंग मुनि की गति, श्री राम प्रतिज्ञा, भक्त सुतीक्ष्ण एवं प्रभु अवतार के झांकी के लीला का मंचन हुआ। लीला शुरू होने से पूर्व कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, उपमंत्री लव कुमार त्रिवेदी, मेला प्रबंधक मनोज कुमार तिवारी, उप प्रबंधक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने सीताराम लक्ष्मण की आरती किया। इसके बाद लीला के क्रम में दर्शाया गया कि प्रभु श्रीराम वनवास के दौरान ऋषि अत्रि के आश्रम से जंगल की ओर चले जा रहे थे कि घने जंगलो में तपस्या में लीन ऋषि मुनियो को दर्शन देते हैं जो वर्षो से ध्यान में लीन थे। इसके बाद श्रीराम लक्ष्मण सीता पहुंचे। जहां शरभंग मुनि ध्यानमग्न अपने आश्रम में बैठे थे। प्रभु श्री राम ने शरभंग मुनि के आश्रम पहुंच कर उन्हें ध्यान से जगाया। ऋषि शरभंग जब ध्यान से बाहर आए तो प्रभु श्री राम उनके सामने खड़े थे वे अपने सामने खड़े हुए श्री राम का दर्शन पाकर धन्य हो जाते हैं। प्रभु श्री राम से निवेदन करते हैं कि हे प्रभु जिस कारण इस नश्वर शरीर को रोके रखा था। आपके दर्शन पाकर धन्य हो गया। हे प्रभु, इस नश्वर शरीर को आपके चरणों में समर्पित करता हूं। इतना कहने के बाद शरभंग मुनि ने प्रभु श्री राम के समक्ष अपने शरीर को त्याग कर देते हैं। जिनकी अंतिम क्रिया प्रभु श्री राम ने अपने हाथों से किया। इसके बाद प्रभु श्री राम बनवास के दौरान रास्ते में ऋषि मुनियों के रक्षा के लिए उन्होंने दोनों भूजा उठाकर ऋषि मुनियों तथा ब्राह्मणों की रक्षा करने प्रतिज्ञा करते हैं। इसके बाद वे ऋषि सुतीक्ष्ण, ऋषि अगस्त ऋषि वाल्मीकि आदि ऋषि मुनियों का दर्शन करते व आशीर्वाद लेते हुए बन प्रदेश के लिए चल देते हैं। इस के बाद प्रभु श्री राम अपने भक्तों को दर्शन दिया। इस मौके पर कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, उप मंत्री लव कुमार त्रिवेदी,मेलाप्रबंधक मनोज कुमार तिवारी, मेला उप प्रबंधक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कृष्णांश त्रिवेदी, राजन सिंह, गामा यादव, समाजसेवी किरण सिंह सहित क्षेत्रीय गण मान्य नागरिक रहे।