गाजीपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में चल रहे चार दिवसीय गायत्री महायज्ञ के आज तीसरे दिन यज्ञ करने हेतु श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही ।प्रातः 9:00 बजे से श्रद्धालुओं का ताता यज्ञ पंडाल में लगना शुरू हो गया। यज्ञ में भारी भीड़ के चलते यज्ञ को कई पालियां में करना पड़ा। यज्ञ के दौरान आज 300 महिलाओं ने गायत्री परिवार से जुड़कर दीक्षा संस्कार लिया। यज्ञ के बाद अपरान्ह 2:00 बजे से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन जिसका विषय ‘ व्यसन से सृजन की ओर’ था, संपन्न हुआ। जिसमें नगर तथा आसपास के सैकड़ो बुद्धिजीवी वर्ग उपस्थित रहें ।जिसमें नगर के डॉक्टर ,किसान ,शिक्षक, समाजसेवी, विद्यार्थी तथा संत समाज वर्ग भी उपस्थित रहा। प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित करते हुए गायत्री परिवार के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि “युवा देश की प्राण है ,आज देश का हर युवा वसुधैव कुटुंबकम की परिकल्पना को सार्थक करता हुआ दिख रहा है। इंटरनेट और गूगल की दुनिया में आज का युवा अपना बेहतर भविष्य दिख रहा है। अपना रोल मॉडल फिल्मी अभिनव – अभिनेताओं को न बनाकर अब उनके रोल मॉडल स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, चंद्रशेखर आजाद, अब्दुल कलाम आजाद, व शिवाजी जैसे महान क्रांतिकारी युवाओं को बना रहे हैं। जनपद के युवाओं को संबोधित करते हुए गायत्री परिवार के प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ प्रभारी प्रभाकर सक्सेना ने कहा कि “आज की युवा पीढ़ी 21वीं सदी में वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को साकार रूप प्रदान करने के उद्देश्य से तेजी से आगे बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा नामित यह महत्वपूर्ण दिवस तकनीकी, व्यावसायिक ,शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए कौशल के विकास के महत्व पर अधिक जागरूकता और विश्व बंधुत्व की भावना को विकसित करने के लिए प्रयासरत है। प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के दौरान जमानिया क्षेत्र में देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा संचालित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में टॉप करने वाले पांच बच्चियों को मेडल देकर सम्मानित किया गया ।इस मौके पर भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रभारी मदन मोहन शर्मा ने कहा कि “आज भारत का युवा अध्यात्म तथा विज्ञान के समन्वयक के बलबूते विश्व के हर क्षेत्र में ऊंचाई को छू रहा है”। कार्यक्रम के समापन के बाद श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद देकर विदाई किया गया । कार्यक्रम के सहयोग के रूप में आयोजक अंशुमन जायसवाल, जयशंकर श्रीवास्तव, क्षितिज श्रीवास्तव, मदन मोहन शर्मा, दीनानाथ शर्मा, अनिल सिंह, श्याम सदन सिंह, अशोक सिंह, प्रसून दुबे, रमेश तिवारी, ओम नारायण राय, गोविंद चौरसिया, एवम् नीतिश जयसवाल का योगदान रहा।