गाजीपुर। पुलिस को पीछे आते देखकर स्थानीय थाने का एक हिस्ट्रीशीटर अपनी कार को लॉक करके फरार हो गया। थोड़ी देर बाद पीछे खड़ी गाड़ी से उतरकर कार के पास पहुंचे पुलिसकर्मियों ने कार के अंदर बंद बच्ची को रोते देख कार का शीशा तोड़कर उसे बाहर निकाला। बाद में बच्ची के परिजनों को बुलाकर उसे सौंप दिया गया। वहीं लावारिस हालत में पड़ी कार को पुलिस थाने लाकर आगे की कार्रवाई कर रही है। घटनाक्रम के अनुसार शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे मुख्य बाजार की तरफ से एक स्विफ्ट कार पुराना सिनेमा हाल होते हुए थाने की तरफ जाने वाली सड़क पर आगे बढ़ी। इसी बीच सामने से बालू लदा ट्रैक्टर आने से रास्ता अवरुद्ध हो गया। कुछ ही मिनट बाद पीछे से पुलिस की गाड़ी को आते देखकर कार चालक गाड़ी लॉक करके यह कहते हुए गली की तरफ भाग निकला कि पुलिस आ गई। उधर कार आगे नहीं बढ़ने पर कुछ देर बाद गाड़ी से उतरकर पुलिसकर्मी जब कार के पास पहुंचे तो अंदर करीब ढाई साल की बच्ची को बंद देखा। वह अंदर रो रही थी। काफी खोजबीन के बाद जब कार चालक नहीं मिला तो पुलिस ने आसपास के लोगों के सहयोग से कार का शीशा तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला। कार के अंदर दारू और गिलास के साथ ही मोबाइल फोन भी मिला। पूछताछ में पता चला कि बच्ची का नाम अनन्या उर्फ परी है, जो पूना में मेहनत मजदूरी करने वाले कटयां चट्टी निवासी अनिल राम की पुत्री है। दूसरी तरफ बच्ची के बारे में जानकारी पाकर दादी शारदा देवी, मां ज्योति और परिवार के अन्य सदस्य थाने पहुंचे। उन्होंने संभावना जताया कि घर के बाहर खेलने के दौरान बच्ची को बगल का ही एक युवक ले गया होगा। फिलहाल पुलिस ने प्रमाण के आधार पर बच्ची को परिजनों को सौंपते हुए भविष्य में ऐसी लापरवाही न करने की चेतावनी दी। इस बाबत एसओ आलोक त्रिपाठी ने बताया कि कार चालक सरदरपुर गांव का रहने वाला रामवतार यादव पुत्र कालीचरण यादव था, जो थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उन्होंने संभावना जताया कि पुलिस के डर से उसने ऐसा किया होगा, जिसकी तलाश कर आगे की कार्रवाई में पुलिस जुटी हुई है।