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दूसरो को नसीहत देने से पहले खुद नैतिकता का पाठ पढ़े सांसद अफजाल अंसारी- रामप्रकाश गुड्डू एवं गुलाब राम

 शिवकुमार

गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के प्रत्‍याशी सांसद अफजाल अंसारी के बयान कि किसके दबाव में बहन जी गठबंधन नही कर रही है पर पलटवार करते हुए बसपा के वाराणसी मंडल के प्रभारी रामप्रकाश गुड्डू और पूर्व जिलाध्‍यक्ष गुलाब राम ने संयुक्‍त रुप से पूर्वांचल न्‍यूज डाट काम को बताया कि सपा प्रत्‍याशी अफजाल अंसारी दूसरे को नसीहत न दें और न ही नैतिकता का पाठ पढ़ाएं। अगर उनके अंदर थोड़ा भी नैतिकता होता तो पहले सांसद पद और बसपा के प्रथमिक सदस्‍यता से इस्‍तीफा देते तब कहीं जाते। पहले वह सांसद पद से इस्‍तीफा दें तब बयानबाजी करें और नसीहत दें। श्री रामप्रकाश गुड्डू और गुलाब राम ने बताया कि सांसद अफजाल अंसारी 2017 की घटना याद करें कि जब सपा ने उनकी पार्टी कौमी एकता दल को अपने दल में विलय करने के बाद भी तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने अपमानित करके बाहर निकाल दिया था। तब बहन जी ने इनकी डूबती हुई राजनैतिक नईया को बचाया और इनके परिवार के तीन सदस्‍यों को मुहम्मदाबाद, घोसी और मऊ सदर सीट से विधानसभा प्रत्‍याशी घोषित किया था तब अफजाल अंसारी ने ज्‍वाइनिंग समारोह में बहन जी के सामने यह कहा था कि हम अंसारी परिवार मरते दम तक बसपा का साथ नही छोडेगा। मैं यह एहसान जिंदगी भर नही भूलूंगा। बहन जी ने उनकी बाते सुनकर प्रभावित हुईं और विश्‍वास करके उन्‍हे 2019 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर से प्रत्‍याशी बनाया और वह चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनका मन बदलने लगा और वह बसपा कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर सपा कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने लगे। ऐसे अवसरवादी नेताओं को इस बार जनता लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएगी।

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