गाजीपुर। धनईपुर ग्राम मे आयोजित नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ के दॊरान प्रवचन करते हुए संत घनश्यामाचार्य बालक स्वामी ने कहा मानव जीवन बङे भाग्य से मिला है आज मिला हॆ कल मिलेगा की नही इसकी कोई गारंटी नही है।माता पिता के साथ पुत्र का,सास से बहूं का,पति से पत्नी का,मित्र से मित्र का कॆसा संबध होना चाहिए रामचरित मानस से शिक्षा मिलती है। राम से बङा राम का नाम हॆ सतयुग,त्रेता,द्वापर,लोग दर्शन,तप,यज्ञ करके तर गये परन्तु कलियुग मे केवल नाम का सुमिरन करके भवसागर से पार होने का सबसे सुगम साधन है।श्री बालक स्वामी आज के विषाक्त वातावरण मे एक भाई दूसरे भाई का गला काट रहा हॆ वही श्रीरामचरित मानस मे एक भाई अयोध्या का राज्य ठुकरा कर श्रीराम को मनाने के लिए जंगल मे जाता हॆ यही राम राज्य की विशेषता है।भरत जी चित्रकूट मे श्रीराम को मनाने के लिए अयोध्या वासियों के साथ जाते हॆ।यही राम राज्य की विशेषता हॆ। प्रतिदिन रांत्री 8 बजे से 12 बजे बीच रासलीला का मंचन वृन्दाबन के कलाकारॊ द्वारा किया जा रहा है।