लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर में चल रहे वार्षिक महोत्सव अभ्युदय ’24 के तीसरे दिन की शुरुआत 9 मार्च, दिन शनिवार को ‘स्प्लैश ‘ नामक रंगोली प्रतियोगिता से हुई, जिसका शुभारंभ प्रातः 6 :00 से हुआ। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय की धरातल पर अपनी कला एवं चित्रकारी का अनूठा प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में विभिन्न वर्गों के छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और विभिन्न प्रकार के रंगों का उपयोग करके अत्यंत मनोहर कलाकृति प्रस्तुत की। जिसकी सराहना वहां पर उपस्थित समस्थ जज द्वारा की गई, मुख्य जज में सांस्कृतिक उपरिषद के प्रभारी डॉ हरीश चंद्र, डॉ राजन मिश्र, प्रो बी के पांडे शामिल थे। इस प्रतियोगिता में टीम साक्षी पटेल और प्राची वर्मा ने प्रथम स्थान हासिल किया, टीम पूजा और निखिल कुमार रैना द्वितीय स्थान पर रहा एवं टीम रजनीश गोस्वामी और निकिता यादव ने तृतीय स्थान हासिल किया। इसके पश्चात ग्लेर दी एयरठेरन वेर, टैट्टू मैकिंग ,तैरणटिनों, बंदिश, नुक्कड़ नाटक, स्ट्रीट सिंक जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। मुख्यतः रैडर ज़ोन एवं डबल-ट्रबल प्रतियोगिताओं के अंतिम दौर का भी आयोजन किया गया। ‘रैडर ज़ोन’ प्रतियोगिता में सृष्टि गॉड प्रथम स्थान पर रहे, अभिजीत ने द्वितीय स्थान हासिल किया एवं रिदम द्विवेदी तृतीय स्थान पर रहीं। इसके बाद ‘नुक्कड़ नाटक’ प्रतियोगिता के तहत प्रतिभागियों ने अभ्युदय कार्यक्रम के अनूठे पलों को अपने हृदय मे चल-चित्रों के रूप मे समावेशित कर लिया। ‘नुक्कड़ नाटक’ प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली में डॉक्टर बी.के. पांडे जी छात्र क्रिया कला परिषद के चेयरमैन भी शामिल थे। रैडर ज़ोन एवं डबल-ट्रबल कि निर्णायक मंडली में श्रीमती अंजलि, श्री आलेख श्रीवस्तव एवम् श्री देवेश कुमार जी भी मुख्यतः शामिल रहे। इसी क्रम में ‘काइट रनर’ का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने विभिन्न सामग्रियों का प्रयोग करते हुए अनेक रंग बिरंगे पतंगों को निर्मित किया एवं इसको आसमान की ऊंचाई की ओर अग्रेषित भी किया। पतंगों की डोर एवं उसकी रचनात्मकता देखते ही बन रही थी एवं सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम के मध्य में सभी सदस्यो के लिये रंगो कि होली का भी आयोजन किया गया जो कि कार्यक्रम की सफलता का प्रतीक है। “होली” खुशी क त्योहार है उसी प्रकार विश्वविद्यालय में भी यह खुशी का ही विस्मर्णीय प्रतीक है। इसके बाद ‘ स्ट्रीट सिंक ‘ प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें प्रतिभागियों ने अपने मनोहर नृत्य के माध्यम से अपनी कला का लोहा मनवाया। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपने भावों को नृत्य के रूप मे सभी के सामने प्रस्तावित किया एवं सबका दिल जीत लिया। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं के बीच ‘टैट्टू मैकिंग’ नामक प्रतियोगिता हुई जिसमें अनेक व्यक्तियों ने इसमे भाग लिया। जीवन के विभिन्न स्थितियों का मंचन मानों कुछ अनकहे पहलुओं को दर्शाते हुए अपनी चित्रकारी के माध्यम से किया। इसके बाद ‘तैरणटिनों’ में प्रतिभागियों ने अपने भावों को नाटक के रूप मे मंचित किया| यह प्रतियोगिता दर्शकों को लुभाने मे अग्रणी रहा। इसके बाद डांस प्रतियोगिता ‘स्ट्रीट सिंक’ आयोजित हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी ऊर्जा से भरपूर नृत्य के माध्यम से माहौल में चार चांद लगाने के साथ-साथ ऊर्जा का भी संचार किया। विभिन्न समूहों द्वारा अनेक विधाओं में नृत्य की प्रस्तुति किए गए। कार्यक्रम की आयोजन समिति के सदस्य आलेख श्रीवास्तव, विदुषी सिंह, श्रेयशी राय, अनूप सिंह, दिलीप कुमार सिंह, वैभव श्रीवास्तव एवं शिवम श्रीवास्तव ने सभी प्रतियोगिताओं के सुचारु सांचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सभी प्रतियोगिताओं के बाद संध्या कार्यकमों की शुरुआत हुई। सर्वप्रथम इंदौर के सुविख्यात बैंड ‘को-रस’ कार्यक्रम के अंतर्गत अनेकों वाद्य यंत्रों की ध्वनि के मध्य अपने सुरीले स्वरों को पिरोते हुए संगीत एवं गायन की विहंगम छटा को दर्शकों के मध्य प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम ने माहौल को गुंजायमान करने के साथ-साथ ऑडियंस के दिलों-दिमाग मे एक अनूठी छाप छोड़ दी। अभ्युदय 2024 के समापन समारोह में सभी विजेताओं एवं प्रायोजकों को प्रशस्ति सम्मानित किया गया। समापन समारोह में माननीय कुलपति महोदय ने आशीर्वाचनों से सभी को प्रोत्साहित किया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक उप परिषद के सचिव ने धन्यवाद व्यक्तव्य प्रकट किए। अंत में समापन समारोह में सांस्कृतिक परिषद के सचिव आलेख श्रीवास्तव जी द्वारा अपने आशीर्वचनों से एवं अपने सुविचारों से सभी व्यक्तियों का अभिवादन किया गया एवं सभी को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए सबका आभार प्रकट किया एवं सभी माननीय सदस्यों, निर्णायक मंडलियों एवं हर व्यक्ति जो इस उत्सव में शामिल था उनका धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम के तीसरे दिन भी प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों का उत्साह बरकरार रहा। विभिन्न कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के इस पंक्ति में कुछ पल लोगों के दिलों मे छाप छोड़ गए। अभ्युदय ’24 उत्सव ने सभी का हृदय जीत लिया एवं इस तरह से विश्वविद्यालय के वार्षिक कला, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन हुआ।