ग़ाज़ीपुर। आज ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज शाखा गाजीपुर की बैठक पसमांदा पहल कार्यालय आलमपट्टी में सम्पन्न हुई। बैठक में पसमांदा समाज की स्थिति और संगठन के विस्तार पर चर्चा हुई। बैठक के मुख्य वक्ता जिलाध्यक्ष श्री फैयाज अहमद शाह ने अपने सम्बोधन में कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक हर क्षेत्र में पिछड़ा है। चूँकि इसका नेतृत्व करने वाली शक्तियाँ इसके प्रति ईमानदारी नहीं बरती और ये पूर्ण रूप से मुल्लावादी धारणाओं और सोच का शिकार बनता गया। यह कर्मवादी सोच के बजाय भाग्यवादी जीवन मूल्यों का शिकार हो गया। भाकपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अमेरिका यादव ने कहा कि मुस्लिम पसमांदा के साथ-साथ हिंदू पसमांदा के साथ भी राजनीतिक और सामाजिक अन्याय हो रहा है। समस्त समाज की क्षमता स्वतंत्रता बंधुता और न्याय की पक्षधर ताकतों को वर्गीय चेतना से लैस करते हुए एकता के सूत्र में बांधने के लिए गांव-गांव जाना होगा।महाज के जिला सचिव अमीर हमजा ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के अनुसार शिक्षा शेरनी के दूध की तरह है जो इसे पिएगा वह अपने हक-अधिकार के लिए गुर्राएगा। इसलिए पसमांदा मुस्लिम समाज को भी वैज्ञानिक शिक्षा की आवश्यकता है।श्री लाल बहादुर राम जी ने कहा कि पसमांदा समाज के बहुसंख्यक लोगों को शिक्षा, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से जागरूक करने की आवश्यकता है।सामाजिक कार्यकर्ता रूद्रेश कुमार निगम ने कहा कि किसी विचारधारा को सच की जमीन पर उतारने के लिए संगठन की जरूरत पड़ती है और संगठन को गाँव-गाँव, गली-गली तक प्रचार-प्रसार करना पड़ता है और यह काम पसमांदा मुस्लिम महाज को भी करना होगा।मनोज कुमार ने कहा कि संगठन को विस्तृत व मजबूत बनाने के लिए उन लोगों के सम्पर्क में आना जरूरी है जो इससे तथा इसके उद्देश्य से अनभिज्ञ हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर डॉ0 अकबरे आज़म ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि हमें धार्मिक कूप-मंडुक्ताओं से निकलकर वैज्ञानिक विचारधारा को घर-घर पहुंचना होगा।इस बैठक में मुख्य रूप से जिला महिला अध्यक्ष शाहीन आलम, शम्स परवेज़, मोहर्रम अली, समकालीन सोच पत्रिका के संपादक राम नगीना कुशवाहा, पारस यादव, डॉ राधेश्याम केसरी आदि उपस्थित रहे। संचालन बहुजन पसमांदा पहल पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ0 इक़बाल अंसारी ने किया।