गाजीपुर! शासन द्वारा प्रदेश से लेह लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन यात्रा पर जाने वाले व्यक्तियों को धनराशि रू0 20000.00 प्रति व्यक्ति का अनुदान दिया जाता है। उक्त विज्ञप्तियों में कतिपय बिन्दुओं यथा, मूल निवासी, आय सीमा, अनुदान हेतु पात्र यात्रियों की संख्या इत्यादि के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट न होने के कारण आवेदन पत्रों के निस्तारण में कठिनाई उत्पन्न होती है। उपरोक्त के सम्बन्ध में सम्यक विचारोंपरान्त लेह लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन यात्रा करने वाले प्रदेश के यात्रियों को अनुदान दिये जाने हेतु पूर्व में निर्गत विज्ञप्तियों को अवक्रमित करते हुए सिंधु दर्शन यात्रा के अनुदान हेतु निम्नवत् नीति निर्धारित की गयी है। यह अनुदान लेह-लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन की यात्रा हेतु प्रदेश से जाने वाले यात्रियों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 यात्रियों को प्रति यात्री धनराशि रू0 20000/ या कुल वास्तविक व्यय, जो भी कम हो, दिया जायेगा। उक्त अनुदान हेतु पात्रता निम्नवत होगी। आवेदक उ०प्र० का निवासी हो और वर्तमान में भी उ0प्र0 में निवास कर रहा हो, आवेदक सिंधु दर्शन यात्रा हेतु चयनित हुआ हो, आवेदक द्वारा पूर्व में इस योजना के अन्तर्गत यात्रा न की गयी हो, और न ही अनुदान प्राप्त किया गया हो, आवेदक की वार्षिक आय रू0 10.00 लाख से अधिक न हो, आवेदक यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त न हो। अनुदान हेतु इच्क्षुक आवेदकों को यात्रा से पूर्व धर्मार्थ कार्य विभाग की वेबसाइटwww.updharmarthkarya.in पर अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन किया जाना होगा। किसी भी दशा में ऑफ-लाइन/भौतिक रूप से दिये गये आवेदन स्वीकार नहीं होंगे। धर्मार्थ कार्य विभाग की वेब-साईट पर प्राप्त आवेदन पत्रों/अभिलेखों का परीक्षण निदेशक, धर्मार्थ कार्य निदेशालय, उ0प्र0 वाराणसी द्वारा किया जायेगा। परीक्षणोंपरान्त 100 व्यक्तियों का चयन किया जायेगा, जो पात्रता की शर्तों को पूरा करते हो। यात्रा हेतु आवेदन करने की सूचना धर्मार्थ कार्य निदेशालय द्वारा जन साधारण को प्रेस-विज्ञप्ति/विभागीय वेबसाइट के माध्यम से दी जायेगी कि यात्रा अनुदान हेतु अमुक तिथि तक ऑनलाइन आवेदन विभागीय पोर्टल पर किये जायेगे। सामान्यतः आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया 15 मई तक पूर्ण कर ली जायेगी तथा अनुदान हेतु पात्र यात्रियों की सूची 01 जून से पूर्व प्रकाशित कर दी जायेगी। आवेदन अस्वीकृत होने/असफल आवेदको को धर्मार्थ कार्य विभाग की वेबसाइट/मैसेज के माध्यम से कारण सहित सूचित करते हुए शासन को भी अवगत कराया जायेगा। उ०प्र० का निवासी होने हेतु सक्षम स्तर से निर्गत प्रमाण-पत्र मान्य होगा तथा पहचान-पत्र के रूप में निम्नलिखित साक्ष्यों में से कोई एक साक्ष्य लगाना होगा- राशन कार्ड की प्रतिलिपि, ड्राइविंग लाइसेंस की प्रतिलिपि, मतदाता पहचान पत्र की प्रतिलिपि, आधार कार्ड की प्रतिलिपि, अनुदान प्राप्त किये जाने हेतु यात्रा पूर्ण होने के साक्ष्य के रूप में आयोजन समिति से प्राप्त प्रमाण-पत्र बैंक खाते का विवरण अनिवार्य रूप से ऑन लाइन अपलोड किया जाना होगा। यात्रियों को दी जाने वाली अनुदान राशि की सम्पूर्ण धनराशि निदेशक, धर्मार्थ कार्य निदेशालय, उ०प्र० वाराणसी के निवर्तन पर रखी जायेगी। निदेशक, धर्मार्थ कार्य निदेशालय, उ0प्र0 वाराणसी द्वारा यात्रा हेतु चयनित यात्रियों द्वारा यात्रा पूर्ण होने की सूचना प्राप्त होने के पश्चात पात्र यात्रियों के बैंक खाते में अनुदान धनराशि सीधे हस्तान्तरित की जायेगी। यदि यह पाया जाता है कि किसी तीर्थ यात्री द्वारा कूटरचित अभिलेखों या अन्य सुसंगत साक्ष्यों को छिपाकर अनुदान प्राप्त कर लिया गया है, तो उससे अनुदान की धनराशि वसूल कर ली जायेगी तथा उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उक्त पर होने वाला व्यय वित्तीय वर्ष के आय-व्ययक में प्राविधानित सुसंगत मद से वहन किया जायेगा। यह आदेश दिनांक 01.04.2024 से प्रभावी समझे जायेंगे।