गाजीपुर। माह मार्च के तीसरे सप्ताह में भारी बरसात से फसलें प्रभावित हो सकती है। माह जनवरी-फरवरी में जो लतावर्गीय सब्जियां जैसे लौकी, कद्द् , नेनुआ, करेला, खीरा ,ककडी़, तरबूजा , खरबूजा तथा अन्य भिण्डी ,टमाटर ,लोविया की फसलों की बुआई/ रोपाई हो चुकी है। तथा जिन सब्जियों में इस समय फूल आ रहे होगें तो तेज बर्षा होने पर फूल झड़ने की सम्भावना हो सकती है। तथा जिन सब्जियों की बोवाई अभी हुई है, उनके अंकुरण प्रभावित होगे। प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी ,भाटपार रानी देवरिया के निदेशक प्रो. रवि प्रकाश मौर्य सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि दलहनी फसलों चना ,मटर ,मसूर, एवं अरहर , तिलहनी फसलों में सरसों ,अलसी आदि की जो फसलें पक कर तैयार हो गयी है, उनको नुकसान पहुंच सकता है। जहाँ आलू की अभी खोदाई नही हो पायी है ,वे आलू के कंद खेत में ही सड़ने लगेंगे। वही गेहूँ गन्ना व मक्का की फसलों के लिए लाभकारी हो सकता है। परन्तु ज्यादा पानी लगने एवं तेज हवा के चलने से गन्ना, गेहूँ, मक्का एवं अन्य फसलें गिर सकती है। आम में जिनके मंज्जर खिल गये होगे उनके फूल गिरने की संम्भावना होगी, जिनके फूल अभी नही खिले होगे, उनको नुकसान कम हो सकता है। हल्की बरसात सभी के लिए लाभदायक होगा, परन्तु भारी बर्सात नुकसानदेह होगा। जायद में उर्द व मूंग की बोआई की गयी उन फसल को यह बरसात नुकसान दायक है।