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काशी हुई शिवमय, सबसे पहले 21 यदुवंशियों ने किया बाबा का जलाभिषेक

वाराणसी। शिव की नगर काशी में सावन का प्रथम सोमवार बड़े ही श्रद्धा और मनोभाव के साथ मनाया जा रहा है। कांवड़ियों के साथ आम भक्तों ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ गंगा में डुबकी लगाई उसके बाद बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन किया। बीती देर रात से ही भक्त कतारबद्ध होकर अपनी पारी का इंतजार कर रहे थे। आरती के बाद मंदिर का पट खुलते ही काशी विश्वनाथ का जयघोष होने लगा। सबसे पहले 21 यादव बंधुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया। इसके बाद श्रद्धालु एक-एक कर बाबा दरबार में मत्था टेकते रहे। जलाभिषेक का दौर चलता रहा। चौक से दशाश्वमेध और मैदागिन से श्री काशी विश्वनाथ धाम तक श्रद्धालु कतारबद्ध रहे। मंदिर परिसर में जिगजैग की व्यवस्था की गई थी ताकि अधिक से अधिक शिव भक्त अंदर रहे। उनके लिए धूप से बचने की भी व्यवस्था की गई थी। देर रात से ही खड़े भक्त मंदिर का पट खुलने का इंतजार कर रहे थे। पट खुलने की घोषणा होते ही भक्त दर्शन के लिए तैयार हो गए। मंदिर के मुख्य द्वार पर कमिश्नर कौशल राज शर्मा भी पहुंच गए थे। भक्तों के मंदिर प्रवेश से पूर्व उन पर पुष्पा वर्षा भी की गई। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार काशी विश्वनाथ परिसर में पहली बार मात्र 21 यादव बंधुओं ने बाबा का जलाभिषेक के किया। यादव बंधु ललिता घाट से गंगा जल लेकर बाबा के दरबार में हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए पहुंचे। पूरी सुरक्षा के साथ उन्होंने बाबा का जलाभिषेक किया।  पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर उस वक्त गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिली जब मुस्लिम समाज के लोग शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा करने लगे। इसे देखकर पूरा क्षेत्र हर-हर महादेव और जय श्रीराम के नारे से गूंजायमान हो गया। हाथ में तिरंगा और हाथों में गुलाब के फूल की पंखुड़ियां लेकर पहुंचे मुस्लिम समाज के लोगों ने शिव भक्तों के गले लगकर उन्हें सावन की शुभकामनाएं दीं।

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