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गाजीपुर: एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत सत्यदेव ग्रुप आफ कालेजेज में हुआ पौधरोपण

गाजीपुर। जनपद गाजीपुर की धरा पर सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस गांधीपुरम बोरसिया  फदनपुर गाज़ीपुर के प्रबंध निदेशक, समाजसेवी, पर्यावरण विद्, जनजन के समस्याओं का निवारक , गरीबों और शहीदों के परिजनों का तन मन धन से समर्थन एवं सर्वदा उनके साथ खड़ा रहने वाले प्रोफेसर सानंद सिंह ने भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए “एक पेड़ मां के नाम”का अभियान को संकल्प से सिद्धि की तरफ लाने का एक बहुत बड़ा भगीरथ प्रयास किया है। उन्होंने सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस तथा डॉ राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज अध्यात्मपुरम ढोटारी गाजीपुर  के परिसर में 1000 से भी अधिक पौधों को लगाने का सराहनीय कार्य किया है। इस धरातल पर  स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जीने के लिए प्रकृति एवं  शुद्ध पर्यावरण का होना अति आवश्यक है। इस  पूरे सृष्टि में आने वाली कई पीढ़ियां आज के वर्तमान पर्यावरण के हालात को देखते हुए  सुरक्षित नहीं समझा जा सकता है। आने वाले समय में मनुष्य, पशु, पक्षी सभी प्रकार के जीव , जंतुओं का जीवन पीढ़ी दर पीढ़ी प्राकृतिक रूप से स्वस्थ हो ऐसे महान कार्य का संकल्प लिए हुए प्रोफेसर सानंद सिंह ने आम, अमरूद, जामुन, छायादार वृक्ष के अलावा दुर्लभ वृक्ष जैसे रुद्राक्ष एवं कल्पवृक्ष को भी सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के परिसर में रोपित कराया। वृहद वृक्षारोपण का कार्य अनवरत जारी है। उसी क्रम में आज सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल तथा सत्यदेव नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज के परिसर में कल्पवृक्ष का पौधा तथा रुद्राक्ष का पौधा सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के काउंसलर दिग्विजय उपाध्याय, सत्यदेव डिग्री कॉलेज के निदेशक अमित रघुवंशी, सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य चंद्रसेन तिवारी, सत्यदेव नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज के व्यवस्थापक मिलन दुबे, सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के  अनन्य सहयोगी शकील अहमद, सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल के उप प्रधानाचार्य आवेश कुमार, सीसीए कोऑर्डिनेटर शिवांगी सिंह, एग्जाम कोऑर्डिनेटर अक्षय उपाध्याय ने पौधा लगाया । सहयोगी के रूप में दया, प्रेम, विनय, रामजी, अनिल इत्यादि उपस्थित थे । सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि पौधों को अपने परिवार के सदस्य की तरह देखना चाहिए । वह भी एक जीव है और वह हमारे लिए निस्वार्थ कार्य करता है । वह हमारे लिए शुद्ध पर्यावरण देता है । पर्यावरण के प्रति प्रेम ही पवित्र दोस्ती का प्रतीक है जो निस्वार्थ एक दूसरे के जीवन के लिए पूरक है ।आज के वैज्ञानिक जीवन के परिवेश में हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी तथा भविष्य में शुद्ध पर्यावरण ना होने के दुष्परिणाम के प्रति गैर जिम्मेदार होते जा रहे हैं। अब उचित समय है की न केवल भारत के लोग बल्कि पूरे विश्व के प्रत्येक नागरिक एक वैश्विक परिवार के रूप में यह प्रण करें कि वह एक वृक्ष अपनी मां के नाम पर जरुर लगाएगा तो निश्चय ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प तथा प्रोफेसर सानंद सिंह जैसे पर्यावरण पोषकों का प्रयास सफल होगा।

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