गाजीपुर। एक्सीडेंट या अचानक हृदयघात (हार्ट अटैक) के कारण इन दिनों लोगों की असामयिक मृत्यु की घटनाएं काफी बढ़ गई है लेकिन अगर बेसिक मेडिकल जानकारी हो, तो ऐसे मामलों में व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है हालांकि जागरूकता की कमी के कारण ऐसे लोगों की जान नहीं बचाई जा पाती. इसी को लेकर आज इनरव्हील क्लब मऊ द्वारा गोपीनाथ पीजी कालेज के प्रांगण में गोपीनाथ हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित कर इस पर चर्चा की गई इसके अलावा इमरजेंसी में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर मरीजों की जान बचाने की बेसिक मेडिकल जानकारी भी दी गई। इसके बारे में छात्र-छात्राओं को प्रोजेक्टर पर भी दिखाकर विस्तार से जानकारी दी और नर्सिंग की छात्राओं ने सीपीआर पर एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लाइव डेमो दिया। गोपीनाथ हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉ.कृष्ण मोहन सिंह ने सीपीआर के बारे में बताया कि इन दिनों बड़ी संख्या में देखने को मिलता है कि अचानक हार्ट अटैक से युवओं लोगों की मौत हो जाती है यह काफी दु:खद है अच्छी बात यह है कि सही लाइफ सेविंग ट्रेनिंग से ऐसी मौतों को बहुत हद तक टाला जा सकता है सीपीआर ऐसी ही ट्रेनिंग है यह उनको दिया जाता है, जिन्हें अचानक हार्ट अटैक हुआ और बेहोश होकर गिर पड़े। जब भी कोई व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिरे तो उन्हें तत्काल सीपीआर देकर उनकी जान बचाई जा सकती है ऐसे व्यक्ति की सबसे पहले हृदय की धड़कन और नब्ज देखते हैं यदि नब्ज नहीं मिल रही हो और सांस भी नहीं चल रही हो तो इसका मतलब है कि हार्ट ने काम करना बंद कर दिया है ये लक्षण हार्ट अटैक या कर्डियक अरेस्ट के हैं ऐसे में तत्काल सीपीआर देने की आवश्यकता होती है। डॉ.कृष्ण मोहन सिंह ने आगे बताया कि सीपीआर का मतलब है छाती को तेजी से प्रेस (दबाना) करना ऐसा हार्ट को रिवाइव करने और ब्लड सर्कुलेशन को चालू करने के लिए किया जाता है सीपीआर के साथ-साथ बेहोश व्यक्ति को नियमित अंतराल पर सांस भी दी जाती है कुछ देर के बाद मरीज को होश आ सकता है, तबतक बैकअप में इमरजेंसी कॉल कर एंबुलेंस को भी बुलाना जरूरी होता है यह इसलिए सीखना जरूरी है ताकि अचानक हृदयघात के शिकार व्यक्ति की जान बचाई जा सके इसमें जितनी देरी होगी, मरीज के होश में आने की संभावना उतनी ही कम होगी इसलिए इसका समय बहुत मायने रखता है। डॉ कुसुम वर्मा ने छात्राओं को योग, प्रणायाम आदि के बारे में बताया और कराया जिस से कि मन को शांति मिलती है। कॉलेज की प्राचार्या डॉ सुधा त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह के स्वास्थ्यवर्धक सेमिनार कॉलेज में समय-समय पर आयोजित कराये जाएं इस के लिए महाविद्यालय परिवार गोपीनाथ हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर व इनरव्हील क्लब मऊ का आभारी रहेगा। इस अवसर पर इनरव्हील क्लब की प्रेसिडेंट ने छात्राओं को आर्थिक तौर पर सबल बनने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात महाविद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण भी किया गया और बड़ी संख्या में वृक्ष लगाकर उसको गोद लेकर उसकी सुरक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान इनरव्हील क्लब मऊ की प्रेसीडेंट मीना श्रीवास्तव, ज्योति सिंह,आशा खत्री, डॉ रूचिका मिश्रा, नीलम सर्राफ, डॉ कुसुम वर्मा, सुनिता खंडेलवाल, अंजुला द्विवेदी, मीना अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, शिल्पी अग्रवाल, डॉ सुधा त्रिपाठी, अंजु सक्सेरिया महाविद्यालय की छात्राएं और टीचर्स स्टाफ़ मौजूद रहे।