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गाजीपुर: सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस में धूमधाम से मनाया गया हिंदी दिवस

गाजीपुर। सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के अंतर्गत सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में धूमधाम से हिंदी दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के प्रबंध निदेशक डॉक्टर सानंद सिंह व सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य चंद्रसेन तिवारी द्वारा ज्ञान की देवी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम की शुरुवात किया गया। तत्पश्चात प्रार्थना स्थल की सभा शुरू हुआ जिसमें सभी छात्रों ने हिंदी में विचार तथा विषय बिंदु शपथ तथा प्रार्थना सभा का संचालन हिंदी में कीए। सभा के उपरांत हिंदी अध्यापक अवनीश राय ने एक शानदार कविता प्रस्तुत किए। “मानव के रोम रोम की मुस्कान है हिंदी, पावन धारा की आन बान शान है हिंदी, बनकर मुकुट मां भारती के शीश पर सजी, भारत के स्वाभिमान की पहचान है हिंदी”..! अपनी कविता के माध्यम से हिंदी भाषा के महत्व को  बताया कि हिंदी से ही हिंद की पहचान है।उन्होंने यह भी बताया की भाषा और माता के लिए कोई दिवस नहीं होना चाहिए। क्यों कि ये तो हमारे अंतर मन में निहित होती है। क्यों कि किसी राष्ट्र की उन्नति तभी संभव है जब वह राष्ट्र अपनी भाषा और संस्कृतियों का सम्मान करता है। जैसा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि अगर भारत को विश्व पटल पर आगे बढ़ाना है तो उसे आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा । इसके  लिए भारत की हिंदी भाषा को आगे बढ़ना होगा। तभी विकसित भारत 2047 का सपना साकार होगा और भारत विश्व गुरु बनेगा। उसके बाद हिंदी की अध्यापिका शिवांगी सिंह ने अपने भाषण के माध्यम से यह बताया कि हिंदी जीवन का आधार है ,हिंदी भाषा का पूरे विश्व में  परचम लहराना है ।और हिंदी भाषा का डंका बजाना है उन्होंने कविता के माध्यम से कहा मां की लोरी है हिंदी ,पापा की डांट है हिंदी ,हिंदी भाषा नहीं जीवन का अंग है ।हिंदी हर पल हमारे संग है , नदियों की धारा है हिंदी, काश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से असम का साथ है हिंदी, सवर्णिम इतिहास है हिंदी, लेखकों की लेखनी है हिंदी वक्ताओ की बोली है हिंदी। इन्हीं शब्दों के साथ उन्होंने हिंदी दिवस की  अनंत शुभकामनाएं दी।  तत्पश्चात सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य चंद्रसेन तिवारी  ने  बताया कि यह दिन हमें हिंदी भाषा के महत्व और इसकी समृद्धि विरासत की याद दिलाती है, एहसास कराता है कि हिंदी हमारे इतिहास, संस्कृति और हमारी पहचान का अटूट हिस्सा है ।यह वो भाषा है जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज की आधुनिक तकनीकी दुनिया तक हर दौर में हमारी अभिव्यक्ति को सशक्त किया है ।आज वैश्वीकरण के दौर में ग्लोबल लैंग्वेज के पीछे भागते भागते हमें अपनी मातृभाषा हिंदी का महत्व नहीं भूलना चाहिए। इस भाषा का सम्मान करे, तथा इसे अपने दिनचर्या में शामिल करे। हिंदी बोलने में हमें शर्म नहीं गर्व महसूस करना चाहिए,  ये हमारा राष्ट्र गौरव है ।आइए, इस हिंदी दिवस पर  हम सब मिलकर इस भाषा के प्रेम और मज़बूत करे। उन्होंने हिंदी भाषा पर आधारित चार पंक्तियों “हिंदी से भाव और भक्ति मिलती है हिंदी से हमें आंतरिक शक्ति मिलती है हिंदी तो बहते हुए प्रेम की सागर है इसी से जीवन की मुक्ति मिलती है।” को रख कर सबको हिंदी दिवस की कोटि-कोटि बधाई और शुभकामनाएं दिए। उक्त अवसर पर सत्यदेव  डिग्री कॉलेज  के निर्देशक अमित रघुवंशी व सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के काउन्सलर दिग्गविजय उपाध्याय मौजूद रहे तथा उपप्रधानाचार्य आवेश कुमार सभी शिक्षक गण यथा  अक्षयवर उपाध्याय,प्रकाश सिंह,  श्रेया सिंह,विष्णु दत्त शर्मा, अभिमन्यु यादव , भोली त्रिपाठी, अभिषेक यादव, गुरुचरण चौधरी, निशा यादव,जानकी गुप्ता ,ऋतंभरा श्रीवास्तव ,विशेश्वर तिवारी, नीतिश शर्मा, श्वेता पांडे , अंकिता निषाद,कुशल सिंह, सुनील सिंह, इंदुकला तिवारी, आशीष प्रजापति, नीतू विश्वकर्मा, अर्चना पांडे , प्रियंका राय,शिप्रा सिंह, श्वेता पाण्डे,चंद्रजीत यादव, अमरलेश यादव , अनन्या चौरसिया ,अंकित मिश्रा ,धीरेंद्र वर्मा , प्रियंका राय व प्रतिमा कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

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