लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाइपर), रायबरेली के मध्य पारस्परिक अकादमिक सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। एमएमएमयूटी की तरफ से अधिष्ठाता, विस्तार गतिविधियां एवं पुरातन छात्र संबंध प्रो पी के सिंह ने समझौते पर हस्ताक्षर किये जबकि नाइपर, रायबरेली की तरफ से कुलसचिव डॉ जय नारायण ने समझौते पर हस्ताक्षर किये| कार्यक्रम के दौरान एमएमएमयूटी की तरफ से प्रो विट्ठल एल गोले, डॉ रवि शंकर, डॉ स्मृति ओझा आदि मौजूद रहे| जबकि नाइपर की तरफ से डीन, नाइपर डॉ संदीप चौधरी मौजूद रहे| ये समझौता हस्ताक्षर की तारीख से पांच वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा और दोनों पक्षों की सहमति से इसे आगे बढ़ाया जा सकेगा। समझौते के अंतर्गत दोनों पक्ष संयुक्त रूप से निम्न गतिविधियों का संचालन कर सकेंगे: – 1. पारस्परिक रुचि के क्षेत्रों को चिन्हित कर संयुक्त रूप से शोध परियोजनाओं का संचालन एवं इस हेतु शोध समस्याओं का चिन्हांकन। 2. दोनों संस्थान एक दूसरे के छात्रों को अपने यहां प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित कर सकेंगे। 3. दोनों संस्थान एक दूसरे के शिक्षकों का आदान प्रदान कर सकेंगे। 4. दोनों संस्थानों के शिक्षक एवं विद्यार्थी एक दूसरे की प्रयोगशालाओं एवं अन्य अकादमिक सुविधाओं का प्रयोग कर सकेंगे। 5. दोनों संस्थान एक दूसरे के शिक्षकों को अतिथि व्याख्यान के लिए आमंत्रित कर सकेंगे। 6. समझौते के बाद दोनों पक्ष अकादमिक सहयोग हेतु अन्य गतिविधियों को चिन्हित कर उस दिशा में भी कार्य कर सकेंगे। 7. समझौते के अंतर्गत, दोनों पक्षों के शिक्षक और छात्र एक दूसरे के अकादमिक ढांचे का इस्तेमाल कर सकेंगे। दोनों पक्ष संयुक्त रूप से प्रोजेक्ट पर कार्य कर सकेंगे। 8. संयुक्त रूप से कार्यशाला, सम्मेलन, संगोष्ठी आदि का आयोजन।इस सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों का वित्तीय भार दोनों पक्ष पारस्परिक सहमति के आधार पर करेंगे।