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गाजीपुर: युवा होंगे माली कौशल में प्रशिक्षित, कृषि विज्ञान केंद्र आंकुशपुर में 21 दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ

गाजीपुर। अनुसूचित जाति उप योजना (एस.सी.एस.पी.) के अंतर्गत आज दिनांक 24/09/2024 को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र आंकुशपुर के प्रशिक्षण हाल में इक्कीस दिवसीय माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्र के प्रशिक्षण हाल में हुआ। यह प्रशिक्षण 16 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमे ग़ाज़ीपुर के विभिन्न ब्लॉकों से 15 महिला एवं पुरुष प्रशिक्षणार्थी प्रतिभाग करेगें। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को बागवानी और माली कौशल में प्रशिक्षित करना है। कार्यक्रम के उदघाटन सत्र में केंद्र के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ जे पी सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण में युवाओं को विभिन्न फलदार पौधों का कलम तैयार करने, प्रोट्रे में सब्जियों की स्वस्थ पौध तैयार करने की विधि और कीटनाशकों के उपयोग तथा बागवानी के नवीनतम तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बागवानी खेती में आम, फल- फूल, कलमी पेड़ तैयार कर किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दर्जनों प्रजातियों के फूलों की खेती के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज के युग में फूल का बहुत बड़ा महत्व है। कम खेती में फूलों की वैज्ञानिक विधि से खेती करके अधिक आमदनी ली जा सकती है। डॉ. सिंह ने बताया की रोजगार सृजन के लिए माली प्रशिक्षण भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागी नर्सरी विधा में न‍िपुण होकर कम समय में अपना कारोबार स्थापित कर व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें स्वावलंबी जीवन की ओर ले जायेगा। प्रशिक्षण समन्वयक डा0 शशांक सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को नर्सरी प्रबंधन, रूटिंग मीडिया हेतु मृदा मिश्रण तैयार करना, फल वृक्षों का पौध प्रवर्धन तकनीक, कलम द्वारा फल वृक्षों का प्रवर्धन, गूटी विधि द्वारा पौध तैयार करने के साथ-साथ विनियर कलम विधि एवं भेंट कलम विधि द्वारा आम का पौध तैयार करना आदि विशयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि इस प्रशिक्षण में लॉन की स्थापना एवं उसकी देख-रेख, बागवानी लगाने के लिए लेआउट बनाने, सजावटी पौधों का प्रवर्धन, बागों में आधुनिक सिंचाई प्रबंधन इत्यादि तकनीक की भी जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के समापन में डॉ सिंह ने बताया की प्रशिक्षुओं को इस इक्कीस दिवसीय माली प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण होने के उपरांत प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।

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