लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के दिनांक 29 अगस्त 2024 को आयोजित हो रहे नवम दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में इसरो के प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक पद्मभूषण नम्बी नारायणन उपस्थित होंगे और दीक्षांत वक्तव्य देंगे। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल करेंगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय नम्बी नारायणन को डॉक्टर ऑफ साइंस (डी एस सी) की मानद उपाधि से भी विभूषित करेगा। जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ अभिजित मिश्र ने बताया कि कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में नम्बी नारायणन को आमंत्रित किए जाने और उन्हें डी एस सी की मानद उपाधि से विभूषित किए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। श्री नारायणन ने भी दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होने की स्वीकृति दे दी है। स्वीकृति मिलने के बाद दीक्षांत समारोह की तैयारियों में तेजी आ गई है। शुक्रवार को माननीय कुलपति प्रो जे पी सैनी ने बैठक कर समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। नवम दीक्षा समारोह के मुख्य अतिथि नम्बी नारायणन का जन्म 1941 में तमिलनाडु के नागरकोइल में हुआ था। उन्होंने त्यागराजार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मदुरै से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी टेक की उपाधि प्राप्त की। 1966 में श्री नारायणन ने इसरो के थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन से अपना कैरियर शुरू किया। 1969 में वे प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका गए जहां उन्होंने रासायनिक तरल प्रणोदन (केमिकल लिक्विड प्रोपल्शन) में परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। वहां से लौटकर इसरो में उन्होंने भारतीय रॉकेटों के लिए पहली बार लिक्विड प्रोपेलेंट मोटर विकसित किए जो अब तक इसरो के पास नहीं थे। नम्बी नारायणन को भारत में तरल प्रणोदन प्रौद्योगिकी की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है। श्री नारायणन और उनकी टीम ने ‘विकास’ नामक इंजन तैयार किया जिसे भारत के अति महत्वपूर्ण रॉकेट पी एस एल वी और जी एस एल वी में प्रयोग किया गया। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2019 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वर्ष 2022 में उनके जीवन पर ‘रॉकेटरी: द नम्बी इफेक्ट’ नामक फिल्म भी बनी। वे फिलहाल केरल के तिरुवनंतपुरम में रहते हैं।