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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के नवें दीक्षांत समारोह में 1462 विद्यार्थियो को मिली उपाधि

लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर का नवम दीक्षांत समारोह दिनांक 29 अगस्त 2024, गुरुवार को को विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय सभागार में आयोजित हुआ। नवें दीक्षा समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं इसरो के पूर्व निदेशक एस नंबी नारायणन उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में मंत्री, प्राविधिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार आशीष पटेल जी मौजूद रहे। कुलाधिपति, मुख्य अतिथि, एवं विशिष्ट अतिथि सहित अन्य अतिथियों ने समारोह स्थल पर आगमन के उपरांत दीक्षांत वेश धारण कर शैक्षणिक शोभायात्रा के साथ सभागार में प्रवेश किया। शैक्षणिक शोभायात्रा के सभागार में विराजमान होने के बाद विद्यार्थियों ने वंदे मातरम् का गायन किया। समारोह का एक आकर्षण विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण संबंधित एक गीत की प्रस्तुति रही। इसके बाद विद्यार्थियों ने कुलगीत प्रस्तुत किया।

इसके बाद कुलाधिपति महोदया द्वारा दीक्षांत समारोह के औपचारिक आरम्भ की घोषणा की गई। उपाधि प्रदान करने से पूर्व उत्तीर्ण हो रहे विद्यार्थियों को कुलपति  ने निम्नलिखित दीक्षोपदेश दिया : –

“माननीया कुलाधिपति  की अनुमति से मैं तुमको इस प्रकार का प्रबोधन देता हूं:-

सत्य बोलो|

धर्म का आचरण करो।

स्वाध्याय से प्रमाद मत करो।

माता को देवता मानो।

पिता को देवता मानो।

आचार्य को देवता मानो।

अतिथि को देवता मानो।

जो हमारे अच्छे आचरण हैं, वे ही तुम्हारे द्वारा ग्रहणीय हैं, अन्य नहीं।

यही आदेश है, यही उपदेश है, यही अनुशासन है।

तुम्हारा पथ मंगलमय हो।

समारोह के दौरान श्री एस नम्बी नारायणन को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि के अतिरिक्त कुल 1462 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों में बी टेक सिविल इंजीनियरिंग के 164 छात्र, बी टेक कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग के 186 छात्र, बी टेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के 172 छात्र, बी टेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के 171 छात्र, बी टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 161 छात्र, बी टेक केमिकल इंजीनियरिंग के 80 छात्र एवं बी टेक आई टी के 94 (कुल 1028 बी टेक छात्र) शामिल रहे| समारोह के दौरान बी टेक के अतिरिक्त, 67 छात्रों को बी बी ए, 130 छात्रों को एमटेक, 72 छात्रों को एमबीए, 70 छात्रों को एमसीए, 25 छात्रों को एमएससी (भौतिकी), 21 छात्रों को एमएससी (रसायन विज्ञान), 13 छात्रों को एमएससी (गणित), एवं 36 छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में 1081 पुरुष अभ्यर्थी जबकि 369 महिला अभ्यर्थी शामिल रहे। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को कुल बयालीस स्वर्ण पदकों से विभूषित किया गया जिनमें 1 कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 19 कुलपति स्वर्ण पदक सहित 22 प्रायोजित स्वर्ण पदक शामिल रहे| बी टेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की  टॉपर उदिशा सिंह को सर्वाधिक 6 स्वर्ण पदक (कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कुलपति स्वर्ण पदक, आर एस सिंह स्वर्ण पदक, क्लास ऑफ 1994 स्वर्ण पदक, स्व. लीलावती देवी स्मृति स्वर्ण पदक, स्व. देवकी देवी नांगलिया स्मृति स्वर्ण पदक) प्रदान किये गए। कुल उन्नीस विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गए जिनमें 12 छात्र एवं 07 छात्राएं शामिल रहे| आज के समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी निम्नवत रहे:

पल्लवी सिंह, बी टेक सिविल-कुलपति स्वर्ण पदक, स्वर्गीय लच्छन राय स्मृति स्वर्ण पदक, आई सी आई अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड स्वर्ण पदक

अदिति श्रीवास्तव, बी टेक कंप्यूटर साइंस- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. मुन्नी लाल जैन स्मृति स्वर्ण पदक, रोमेश चंद्र एवं किशोरी देवी स्मृति स्वर्ण पदक,

उदिशा सिंह, बी टेक इलेक्ट्रॉनिक्स – कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कुलपति स्वर्ण पदक, आर एस सिंह स्वर्ण पदक, क्लास ऑफ 1994 स्वर्ण पदक, स्व. लीलावती देवी स्मृति स्वर्ण पदक, स्व. देवकी देवी नांगलिया स्मृति स्वर्ण पदक

रीतेश राठौड़, बी टेक इलेक्ट्रिकल-कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. गौरी शंकर दास स्मृति स्वर्ण पदक

राज सिंह, बी टेक मैकेनिकल – कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. काली चरण कंदोई स्मृति स्वर्ण पदक

कृतिका दुबे, बी टेक मैकेनिकल बालिका वर्ग में सर्वोच्च अंक हेतु – स्व. जसवंत लाल कालरा एवं जनक कालरा स्वर्ण पदक

श्रेया द्विवेदी, बी टेक केमिकल- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. हरी प्रसाद गोयनका स्मृति स्वर्ण पदक

जयंत शुक्ला, बी टेक आई टी- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. गणेश प्रसाद शाही स्मृति स्वर्ण पदक

प्रियंका यादव, बी बी ए- कुलपति स्वर्ण पदक

यशवंत कुमार सिंह, एम एस सी भौतिकी- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. पंडित सालिकराम पाण्डेय स्मृति स्वर्ण पदक

आकाश कुमार सिंह, एम एस सी गणित- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. कालीचरण कान्दू स्मृति स्वर्ण पदक

गीता श्रीवास्तव, एम एस सी रसायन विज्ञान- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. डॉ हरीश चन्द्र पाण्डेय स्मृति स्वर्ण पदक

भानु प्रताप यादव, एम टेक सिविल- कुलपति स्वर्ण पदक

नवीन कुमार, एम टेक इलेक्ट्रिकल- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. जनक राज सिंह स्मृति स्वर्ण पदक

निखिल प्रताप सिंह, एम टेक इलेक्ट्रॉनिक्स- कुलपति स्वर्ण पदक

अभिषेक कुमार सिंह, एम टेक मैकेनिकल- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. इंद्रासन लाल श्रीवास्तव स्वर्ण पदक, स्व. शिव कुमार कंसल स्वर्ण पदक

आर्यन सिंह, एम टेक कंप्यूटर साइंस- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. जगन्नाथ सिंह स्मृति स्वर्ण पदक

अमृतेश कुमार गुप्ता, एम टेक आई टी- कुलपति स्वर्ण पदक

अनुराग वर्मा, एम बी ए- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. शिवनाथ सिंह स्मृति स्वर्ण पदक

सुहानी, एम सी ए- कुलपति स्वर्ण पदक, स्व. बाबूलाल गोयल स्मृति स्वर्ण पदक

विभिन्न पाठ्यक्रमों में द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को रैंक सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों क्रमशः जंगल राम लखना, जंगल अयोध्या प्रसाद, जंगल बेलवार, डुमरी खुर्द, और रायगंज के 25 स्कूली बच्चे दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुए| मा. कुलाधिपति, मुख्य अतिथि, एवं विशिष्ट अतिथि के कर कमलों से इन्हीं बच्चों में से दीक्षा उत्सव के विजेता बालक बालिकाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। मा. कुलाधिपति द्वारा राजभवन की ओर से इन गावों में स्थित विद्यालयों को 100 पुस्तकें भेंट की गईं जिन्हें इन विद्यालयों की लाइब्रेरी में रखा जाएगा। स्कूली बच्चों में मा. कुलपति महोदया ने पुस्तकें, लेखन सामग्री, फल इत्यादियुक्त किट वितरित की|

इस अवसर पर कुशीनगर जनपद की 52 आंगनबाड़ियों को किट प्रदान की गई जिनमें से 20 किट का वितरण कुलाधिपति द्वारा स्वयं किया गया। इस अवसर पर किट वितरण में सहयोग हेतु स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आई सी आई सी आई बैंक, एवं एच डी एफ सी बैंक के प्रतिनिधियों को भी कुलाधिपति द्वारा सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति, मुख्य अतिथि, एवं विशिष्ट अतिथि के कर कमलों से डॉ एस पी सिंह की पुस्तक, विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रगति आख्या, वार्षिक छात्र पत्रिका मालविका, एवं दीक्षा उत्सव की चित्रकला प्रतियोगिता के चित्रों के संकलन का विमोचन भी हुआ।

कुलपति प्रो जे पी सैनी ने अतिथियों का स्वागत किया एवम विश्वविद्यालय की सत्र 2023- 2024 की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि मंत्री, प्राविधिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार आशीष पटेल ने उपाधि प्राप्तकर्ताओं और उनके अभिभावकों को बधाई दी और कहा कि यह हर्ष का विषय है कि एम एम एम यू टी ने NIRF Ranking में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। यह सब कुलाधिपति के मार्गदर्शन का परिणाम है। समारोह को संबोधित करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों में बहुत संभावनाएं हैं। एक विश्वविद्यालय में 200-300 शिक्षक होते हैं। ये सभी शिक्षक मिल कर विश्वविद्यालयों को बहुत ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ भी असंभव नहीं है, आप देश ही नहीं दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में भी शामिल हो सकते हैं अगर आप चाहें और इस दिशा में काम करें। मा. कुलाधिपति ने कहा कि युवाओं को विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आगे आना होगा। हमें सशक्त किसान और महिलाओं के शोषण से मुक्त भारत का निर्माण करना है। कुलाधिपति ने युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हुए कहा कि युवा नए टेक्नोलॉजी के साथ अपने आप को तैयार करें। उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय पढ़ाई के साथ साथ युवाओं को इंडस्ट्री के लायक बनाएं जिससे कि यूनिवर्सिटी से निकलते ही विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कर सकें। मा. कुलाधिपति महोदया ने अपने संबोधन में वार्षिक छात्र पत्रिका मालविका का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे देख कर प्रसन्नता हुई कि इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों में कला एवं साहित्यिक रुचि भी है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपमें बहुमुखी प्रतिभा है जिसका प्रयोग कर आप विविध क्षेत्रों में जा सकते हैं। इस मौके पर कुलाधिपति द्वारा बटन दबाकर एक साथ इस दीक्षांत की सभी उपाधियों एवं अंकपत्रों को डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रशंसा की कि डिजीलॉकर पर उपाधि और अंकपत्र अपलोड होने से छात्रों को इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। टेक्नोलॉजी की मदद से विद्यार्थी कहीं से भी अपनी डिग्री और मार्कशीट डाउनलोड कर सकेगा।

कार्यक्रम के अंत में कुलपति जी ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि को स्मृतिचिन्ह भेंट किया जबकि कुलाधिपति महोदया को फलों की टोकरी भेंट की। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ जय प्रकाश ने किया। इस दौरान नगर के गणमान्य नागरिकों, जिला प्रशासन के अधिकारियों, विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र सहित शिक्षक, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

 

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