लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं नगर निगम, गोरखपुर के मध्य पारस्परिक सहयोग के लिए आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। हस्ताक्षर कार्यक्रम गोरखपुर के मा. महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव जी, विश्वविद्यालय के मा. कुलपति प्रो जे पी सैनी जी, एवं नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। समझौते पर विश्वविद्यालय की तरफ से अधिष्ठाता विस्तार गतिविधियां प्रो पी के सिंह ने जबकि नगर निगम, गोरखपुर की तरफ से दुर्गेश मिश्र, अपर नगर आयुक्त ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की तरह से अधिष्ठातागण प्रो वी के गिरि, प्रो राम दुलार, प्रो यू सी जायसवाल, प्रो संजय मिश्र, प्रो वी के मिश्र, प्रो वी के द्विवेदी, प्रो राकेश कुमार, सहित विभागाध्यक्ष प्रो ए के मिश्र, सह अधिष्ठाता डॉ अवधेश कुमार, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ अभिजित मिश्र उपस्थित रहे। मौके पर नगर निगम, गोरखपुर की तरफ नगर आयुक्त, एवं अपर नगर आयुक्त सहित मुख्य अभियंता संजय सिंह चौहान एवं राघवेंद्र कुमार, महाप्रबंधक, जलकल उपस्थित रहे।दोनों पक्षों के बीच यह समझौता विभिन्न परियोजनाओं के पूर्ण होने तक प्रभावी रहेगा। समझौते के अंतर्गत एम एम एम यू टी के विशेषज्ञ नगर निगम द्वारा संचालित विभिन्न निर्माण एवं विकास परियोजनाओं के अंतर्गत हो रहे कार्यों की गुणवत्ता, सुरक्षा, और प्रगति सुनिश्चित करने के संबंध में नगर निगम को परामर्श देंगे। समझौते के अंतर्गत एम एम एम यू टी के विशेषज्ञ निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता परख कर बताएंगे कि सामग्री मानक के अनुरूप है कि नहीं। साथ ही एम एम एम यू टी के विशेषज्ञों द्वारा समय समय पर निर्माण स्थल का भ्रमण कर निर्माण संबंधी तकनीकी पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा और इस संबंध में परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उनके द्वारा निर्माण की डिजाइन और सुरक्षा संबंधी पहलुओं की भी जांच कर सुनिश्चित किया जाएगा कि वे मानकों एवं आवश्यकता के अनुरूप हों। इसके अलावा, विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ समय समय पर वास्तविक निर्माण की जांच कर यह बताएंगे कि निर्माण निर्धारित डिजाइन एवम ड्राइंग के अनुरूप हो रहा है अथवा नहीं। उक्त कार्य हेतु विश्वविद्यालय द्वारा एक टीम का गठन किया जाएगा जिसमें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग सहित सिविल इंजीनियरिंग की विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों के अतिरिक्त, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग आदि के विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे। उक्त टीम का नेतृत्व विश्वविद्यालय द्वारा नामित कम से कम सह आचार्य स्तर के स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा। नगर निगम द्वारा विश्वविद्यालय को परामर्श सेवाओं हेतु कुल परियोजना लागत की .25 प्रतिशत के बराबर राशि का भुगतान भी किया जाएगा। इस अवसर मा. महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव जी ने कहा कि एम एम एम यू टी इस अंचल का बहुत पुराना संस्थान है। वैसे तो इस विश्वविद्यालय के छात्र पहले से ही देश प्रदेश के विकास में योगदान देते रहे हैं। पर यह हर्ष का विषय है कि एम एम एम यू टी अब गोरखपुर नगर के विकास में सक्रिय रूप से सहयोग कर सकेगा। माननीय कुलपति प्रो जे पे सैनी ने कहा कि एम एम एम यू टी की परिकल्पना रुड़की विश्वविद्यालय जैसे एक विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी जो न केवल अध्ययन अध्यापन करेगा बल्कि प्रदेश को तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध कराएगा। इस रूप में आज विश्वविद्यालय की संकल्पना साकार हो रही है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि एम एम एम यू टी एक प्रतिष्ठित संस्थान है जिसकी तकनीक दक्षता का लाभ नगर निगम को भी मिलेगा। इस मौके पर विश्वविद्यालय के बी टेक सिविल, इलेक्ट्रिकल, एवं आई टी के छात्रों के लिए नगर निगम में इंटर्नशिप की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।