लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में नवनियुक्त शिक्षकों के प्रेरण कार्यक्रम का शुभारंभ, अनुसंधान पुरस्कार वितरण, तथा विश्वविद्यालय की रु. 91.22 करोड़ लागत की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर कमलों से विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय सभागार में संपन्न हुआ। इस दौरान गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ल, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जय प्रकाश सैनी, कुलसचिव सी पी प्रियदर्शी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि एक साथ विश्वविद्यालय को विकास कार्यों के लिए, नए शिक्षकों के चयन के लिए, और अपनी विशिष्ट कार्यशैली के माध्यम से विश्वविद्यालय की रैंकिंग को बेहतर बनाने में योगदान करने वाले शिक्षकों के सम्मानार्थ आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर पूरे विश्वविद्यालय परिवार को हृदय से बधाई देते हुए आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अब सतत नहीं बल्कि समग्र विकास की परिकल्पना के अनुसार कार्य कर रहा है। जब हम विकास की अवधारणा की बात करते हैं तो भारतीय मनीषा ने पश्चिम की सस्टेनेबल डेवलेपमेंट (सतत विकास) की बजाय समग्र विकास की परिकल्पना रखी। हमने जीवन के एक पक्ष को लेकर काम नहीं किया। हमारा दृष्टिकोण समग्रता का है। और समग्रता का यह भारतीय दर्शन आज इस विश्वविद्यालय में परिलक्षित हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के नवनिर्माण की गतिविधियां, शिलान्यास और लोकार्पण आदि, नव चयनित शिक्षकों की नियुक्ति और शपथग्रहण, अपने अपने विषय में योगदान से विश्वविद्यालय की रैंकिंग बढ़ाने वाले शिक्षकों का सम्मान, यह समग्र दृष्टि ही तो है। यह भारतीय दृष्टि ही तो है कि हम समग्रता पर विश्वास करेंगे और आगे बढ़ेंगे। और समग्रता की इस दृष्टि के दर्शन विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम में हो रहे हैं। सभी पक्षों पर सम्यक ध्यान देना और सभी पक्षों पर कार्य करना ही समग्र विकास है और समग्र विकास की अवधारणा पर कार्य करने से ही संस्थान की उन्नति होगी। नवनियुक्त शिक्षकों से उन्होंने कहा कि अब आप इस संस्थान से जुड़ गए हैं, तो इसकी उन्नति या अवनति दोनों आपसे जुड़ी हुई है। आप संस्थान हित में नहीं सोचकर केवल अपने बारे में सोचेंगे और काम करेंगे तो संस्थान की उन्नति संभव नहीं होगी। आपको बार बार स्वयं को साबित करने के मौके मिलेंगे और आपको इस संस्थान के समग्र विकास में योगदान करना होगा। उन्होंने कहा कि कभी भारत दुनिया का मार्गदर्शक था। हम विश्वगुरु कहलाते थे। दसवीं शताब्दी तक दुनिया की GDP में भारत की हिस्सेदारी लगभग आधे की थी जो लगातार गिरती गई। अंग्रेजों ने भारत को लूटा, इसकी अर्थव्यवस्था को नष्ट किया। जब देश को आजादी मिली फिर उसके बाद वर्ष 2014 तक भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही बन पाया था। पर पिछले दस वर्षों में ही भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अगले दो वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। लोग वही हैं, तंत्र वही है, व्यवस्था वही है। बदला मात्र नेतृत्व है। और यह बदलाव नेतृत्व की इच्छाशक्ति के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर भले ही तकनीक आधारित हो गया है, लेकिन तकनीक से हम नहीं, तकनीक हमसे संचालित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिए जिसका संचालन राष्ट्र और समाज की प्रगति का कारक बने। पूंजी और समय का कम निवेश हो और परिणाम सर्वव्यापी हों। उन्होंने कहा कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय केवल एक विश्वविद्यालय नहीं है, ये तकनीकी का एक ऐसा संस्थान है जो खुद को इस क्षेत्र का रोल मॉडल बना सकता है। इसे तकनीकी समस्याओं के समाधान और शोध के लिए खुद को आगे लाने की पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को कई श्रेणियों में विशेषकर NIRF की तीन श्रेणियों में शीर्ष सौ संस्थानों में रैंक मिली है। क्या हम लोग इंजीनियरिंग श्रेणी में देश के शीर्ष 50 में स्थान बनाने के लिए स्वयं को तैयार कर सकते हैं? क्या हम लोग राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में शीर्ष 10 संस्थानों में स्थान प्राप्त कर सकते हैं। QS विश्व रैंकिंग में हमे और बेहतर प्रदर्शन करना होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम देश के शीर्षस्थ संस्थानों में अपना स्थान बनाएं। इससे विश्व रैंकिंग में अपने आप सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि 8 करोड़ की लागत से निर्मित सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास का आज लोकार्पण हुआ है, चार नई CNG बसों का संचालन आरम्भ हुआ है, परिसर में PNG पाइपलाइन की स्थापना हुई है, 528 क्षमता के एसी होस्टल निर्माण का शिलान्यास हुआ है, परीक्षा अनुभाग हेतु पृथक भवन निर्माण की आधारशिला रखी गई है, बहुउद्देशीय भवन एवं विभिन्न छात्रावासों के नवीनीकरण कार्य की आधारशिला रखी गई है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय समग्र विकास की परिकल्पन के साथ आगे बढ़ेगा। मेरा मानना है कि आप जिस क्षेत्र में स्थित हैं, वहां की समस्याओं और चुनौतियों के तकनीकी समाधान हेतु सभी टेक्निकल संस्थानों को, चाहे वे राज्य के हों या केंद्र के, उन्हें आगे आना होगा और तकनीकी पार्टनर के रूप में अपना दायित्व निभाना होगा। मुझे विश्वास है कि आप इस भूमिका के लिए स्वयं को तैयार करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने रु. 91.22 करोड़ लागत की निम्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया:-
लोकार्पित परियोजनाएं:-
- यांत्रिक अभियंत्रण विभाग भवन का विस्तार, लागत रु. 162.23 लाख
- आई टी आर सी/ आई टी सी ए विभाग भवन का विस्तार, लागत रु. 154.28 लाख
- परिसर में प्राकृतिक गैस पाईप लाइन स्थापना, लागत रु. 52.85 लाख
- परिसर स्थित विद्युत सब स्टेशन के पास पक्की चारदीवारी का निर्माण, लागत रु. 74.97 लाख
- सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास, लागत रु. 784.35 लाख
- सरस्वती वाटिका एवं अमर बलिदानी बिस्मिल पार्क, लागत रु. 15 लाख
- 04 अदद नई सी एन जी बसों का संचालन आरम्भ, लागत रु. 113.57 लाख
लोकार्पित होने वाली परियोजनाओं की कुल लागत रु. 1357.25 लाख
मुख्यमंत्री जी ने निम्न निर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी:-
- बहुउद्देशीय भवन का अनुरक्षण और नवीनीकरण कार्य, लागत रु. 160.85 लाख
- विश्वेसरैया भवन, टैगोर भवन, रमन भवन, एवं सुभाष भवन छात्रावासों का नवीनीकरण कार्य, लागत रु. 1726.93 लाख
- सिविल इंजीनियरिंग विभाग के दो ब्लाकों का विशेष अनुरक्षण, लागत रु. 117.68 लाख
- परिसर में विभिन्न स्थानों पर नई सड़क का निर्माण, लागत रु. 99.08 लाख
- परीक्षा अनुभाग हेतु भवन का निर्माण, लागत रु. 863.16 लाख
- 528 क्षमता के पुरुष छात्रावास का निर्माण, 4797.98 लाख
शिलान्यास हेतु समस्त परियोजनाओं की कुल लागत रु. 7765.67 लाख
इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय द्वारा शोध प्रकाशन एवं पेटेंट को बढ़ावा देने हेतु आरम्भ की गई ‘टैलेंट इंसेंटिव स्कीम’ के अंतर्गत जुलाई से दिसंबर 2024 अर्थात एक सेमेस्टर के भीतर उत्कृष्ट शोध पत्र/पेटेंट प्रकाशित करने वाले तथा परियोजना पूर्ण करने वाले चयनित शिक्षकों एवं शोध छात्रों को भी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सम्मानित किया गया जिनके नाम निम्नवत हैं:-
- प्रो एस के सोनी- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सहायतित रु. 2.89 करोड़ रुपये की अनुसन्धान परियोजना के अंतर्गत Internet of Things तथा Drone आधारित कृषि निगरानी प्रणाली विकसित कर कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हेतु रु. 1,36,800/- की धनराशि तथा प्रशस्ति पत्र
- प्रो आर के यादव- कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- प्रो डी के द्विवेदी – सौर ऊर्जा एवं कैंसर आधारित बायोसेंसर की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- डॉ पूजा लोहिया- ऑप्टिकल फाइबर सेंसर और सौर ऊर्जा तकनीक की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- डॉ विनय भूषण चौहान- भूमिगत सुरंगों के ऊपर शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित आवासीय सुविधाओं के विकास की दिशा में उत्कृष्ट शोध प्रकाशन हेतु
- डॉ देवेश कुमार- थर्मल इंजीनियरिंग एवं बायो डीजल की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- सुश्री शेफाली मिश्रा- कृत्रिम प्रकाश संस्लेषण की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- श्री आयुष कुमार- रॉक मैकेनिक्स की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- सुश्री सुषमा स्वराज- फोटोनिक्स क्रिस्टल फाइबर की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- श्री अमित शर्मा- लोड फ्रीक्वेंसी कण्ट्रोल की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- सुश्री प्रज्ञा मिश्रा- सोलर सेल्स की दिशा में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु
- प्रो यू सी जायसवाल को विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु
- डॉ अमित कुमार बर्णवाल को विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु
- डॉ गगनदीप भारती को विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु
इस अवसर पर बोलते हुए गोरखपुर के माननीय सांसद रवि किशन शुक्ल जी ने कहा कि एम एम एम यू टी की एक गौरवशाली परंपरा रही है। यहां से पढ़े हुए छात्र देश विदेश में महत्वपूर्ण स्थानों पर पदस्थ हैं और सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि AI तकनीक दुनिया का भविष्य है और प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री जी का भी ध्यान इस तकनीक के सदुपयोग पर है। उन्होंने छात्रों अपील की कि AI पर काम करे, मन लगाकर पढ़ें और माता पिता का नाम रौशन करें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो जे पी सैनी जी ने कहा कि विश्वविद्यालय को NIRF, India Today, Times सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग जैसे कि स्पेन की ट्रांसपेरेंट रैंकिंग में देश एवं प्रदेश में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि AD World Scientific Ranking 2024 में विश्वविद्यालय के 144 शोधकर्ताओं को स्थान मिला है जबकि पिछले वर्ष मात्र यह संख्या मात्र 58 थी। उन्होंने कहा कि आज जिन निर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी जा रही है उनमें से रु. 44 करोड़ की परियोजनाएं शासन द्वारा स्वीकृत हैं जबकि शेष रु. 33 करोड़ की परियोजनाएं विश्वविद्यालय अपने स्रोतों से पूर्ण करेगा। विश्वविद्यालय में शोध और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय अपने स्रोतों से धन की व्यवस्था कर रहा जिससे प्रत्येक सेमेस्टर उत्कृष्ट शोधकर्ताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता सुधार के उपायों का असर विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट पर दिखने लगा है। अब तक 700 से अधिक छात्रों को प्लेसमेंट मिल चुकी है जबकि एक छात्रा को रु.45 लाख के वार्षिक पैकेज पर नियुक्ति मिली और तीन छात्राओं का रु. 1.10 लाख के मासिक स्टाइपेंड पर इंटर्नशिप के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का लाभ विश्वविद्यालय के छात्रों को मिलने लगा है जिससे लगभग रु. 12 करोड़ रूपये से अधिक का ई कंटेंट छात्रों को मुफ्त उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि एम एम एम यू टी प्रदेश का पहला राज्य विश्वविद्यालय है जिसने समर्थ ई गवर्नेंस को अपने यहां पूरी तरह क्रियान्वित कर दिया है। इस अवसर पर कुलसचिव चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी ने सभी नवनियुक्त शिक्षकों को शपथ दिलाई एवं अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। माननीय कुलपति ने अतिथियों को स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम से प्रस्थान के उपरांत सभी नवनियुक्त 76 शिक्षकों को माननीय महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव जी एवं पूर्व महापौर डॉ सत्या पांडेय जी ने नियुक्ति पत्र वितरित वितरित किए। इसके अतिरिक्त, माननीय महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव जी एवं पूर्व महापौर डॉ सत्या पांडेय जी ने ‘टैलेंट इंसेंटिव स्कीम’ के अंतर्गत कुल 26 शिक्षकों सहित 69 छात्र छात्राओं उत्कृष्टता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया। विभिन्न श्रेणियों में सम्मान पाने वालों की संख्या निम्न है:-
प्रीमियर रिसर्च अवॉर्ड (रु. 50,000/-)
शिक्षक- 8
छात्र-छात्राएं- 13
कॉमेंडेबल रिसर्च अवॉर्ड (रु. 20,000/-)
शिक्षक- 22
छात्र-छात्राएं- 50
पेटेंट हेतु पुरस्कार
शिक्षक/ छात्र-छात्राएं: 7