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टेकसृजन’25: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के वार्षिक टेकफेस्ट का हुआ भव्य उद्घाटन

लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी), गोरखपुर ने अपने वार्षिक तकनीकी उत्सव, टेकसृजन’25 का भव्य उद्घाटन किया। यह आयोजन छात्र क्रियाकलाप परिषद (सीएसए) के अंतर्गत तकनीकी उप-परिषद (टीएससी),  आईईई छात्र शाखा और एसएई के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम ने तकनीकी नवाचार और छात्र-प्रेरित पहलों के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाया। उद्घाटन के लिए 25 दिसंबर की तारीख का चयन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और महान स्वतंत्रता सेनानी एवं शिक्षाविद पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के सम्मान में किया गया। अटल जी के तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि, साथ ही पंडित मदन मोहन मालवीय जी के शिक्षा और राष्ट्र निर्माण में किए गए योगदान ,जो आज भी युवा नवाचारकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उद्घाटन समारोह में कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति, प्रो. जय प्रकाश सैनी द्वारा किया गया, जिन्होंने पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन और  मां सरस्वती , भारत माता तथा पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस समारोह में डॉ. बी.के. पांडेय (अध्यक्ष, सीएसए), डॉ. राजन मिश्र (उपाध्यक्ष, सीएसए), श्री चंद्रप्रकाश प्रियदर्शी (कुलसचिव, एमएमएमयूटी), डॉ. अनुपम साहू (संकाय प्रभारी, टीएससी, सीएसए), डॉ. धीरेंद्र सिंह (समन्वयक, टेकसृजन’25), प्रो. एस.के. सोनी (प्रमुख, ईसीई विभाग), डॉ.डी.एस. सिंह (परीक्षा नियंत्रक), डॉ रविशंकर (समन्वयक) और श्री अंजनी कुमार सिंह (वर्कशॉप समन्वयक) उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह का प्रारम्भ सीएसए के अध्यक्ष प्रो. बी.के. पांडेय के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने गर्मजोशी से सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और टेकसृजन को छात्रों और संकायों के बीच सहयोग और नवाचार को प्रोत्साहित करने वाले मंच के रूप में महत्व दिया। साथ ही, उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी जी के काव्यात्मक व्यक्तित्व, महान राजनीतिक नेतृत्व, और उनके मजबूत आदर्शों और नीतियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कैसे वाजपेयी जी की नीतियों और गुणों ने न केवल उनके समर्थकों बल्कि विपक्षी दलों और हर राजनीतिक पार्टी के सदस्यों का भी अपार स्नेह और सम्मान अर्जित किया। उनकी यह विरासत आज भी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसके बाद, सीएसए के उपाध्यक्ष, डॉ. राजन मिश्र ने अपने उद्बोधन में 3 दिनों में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोजन में 17 प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी और 750 से अधिक छात्रों की प्रतिभागी प्रतिभाग करेंगे|, जो विश्वविद्यालय में बढ़ते उत्साह और तकनीकी कौशल को प्रदर्शित करता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव , चंद्रप्रकाश प्रियदर्शी ने अपने भाषण में नवाचार और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को कौशल विकसित करने और सामाजिक उन्नति में योगदान देने के लिए ऐसे अवसरों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। कुलपति, प्रो. जय प्रकाश सैनी ने अपने संबोधन में अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं वर्षगांठ पर उनके योगदान और आधुनिक भारत को आकार देने में उनकी दूरदृष्टि के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने अपनी बात को वाजपेयी जी के प्रेरणादायक शब्दों के साथ उद्धरित किया: “क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, संघर्ष पथ पर जो मिले, यह भी सही वह भी सही, वरदान माँगूँगा नहीं।” इसके साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई नई पहलों, जैसे कि प्रशासनिक भवन और टेकसृजन का नामकरण क्रमशः अटल प्रशासनिक भवन और अटल टेकसृजन के रूप में किए जाने का उल्लेख किया।कुलपति जी ने भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी का भी उल्लेख किया, जिनके नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में मालवीय जी के योगदान, उनकी दूरदर्शी सोच, आधुनिक शिक्षा, और एक आदर्श तथा शिक्षित भारत के निर्माण के प्रति उनकी दृष्टि को नमन किया। उन्होंने बताया कि कैसे मालवीय जी का जीवन और उनकी दृष्टि आज भी शिक्षाविदों और युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं। भाषणों के बाद, अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन की झलक दिखाने वाला एक वीडियो प्रदर्शित किया गया, जो उनके योगदान और मूल्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। इसके बाद टेकसृजन’25 के टीज़र लॉन्च और आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च का आयोजन किया गया, जो पंजीकरण, अपडेट और जानकारी के लिए एक डिजिटल हब के रूप में काम करेगा। इस वर्ष के फेस्ट की थीम “विकेड वेन्च” थी, जो पायरेट्स ऑफ द कैरेबियन की साहसिक भावना से प्रेरित थी। यह गतिशील थीम नई पीढ़ी के साथ गहराई से जुड़ी, रचनात्मकता, खोज और नवाचार के निडर प्रयास को उजागर करती है। टेकसृजन’25 के उद्घाटन समारोह का समापन डॉ. धीरेंद्र सिंह के धन्यवाद ज्ञापन और समापन टिप्पणी के साथ हुआ। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समर्पित टीम के प्रयासों, गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति, और छात्रों की भागीदारी की सराहना की।समारोह का अंत भारत के गौरवशाली राष्ट्रगान के सामूहिक गायन के साथ हुआ, जिसने पूरे हॉल में गर्व और एकता का वातावरण उत्पन्न किया। संकाय एवं कुलपति ने टीम टेकसृजन के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने निर्बाध समन्वय और अभिनव कार्यक्रम लाइनअप को संभव बनाया। टेकसृजन’25 ने नवाचार और सामुदायिक-चालित तकनीकी उत्कृष्टता के लिए एक मजबूत उदाहरण स्थापित किया है, जो एमएमएमयूटी की तकनीकी प्रतिभा और सामाजिक योगदान के केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा को और मजबूत करता है।

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